पवन दुर्गम,बीजापुर. नक्सली दहशत और विकास के नाम पर इंद्रवाती टाइगर रिज़र्व विभाग द्वारा बीजापुर जिले में घटिया निर्माण कार्यों को अंजाम देने के साथ ही लाखों-करोड़ों रुपये की गड़बड़ी को अंजाम दे रहा है. वाढला डेम मरम्मत में पूर्व रेंजर बामदेव नाग ने 40 लाख खर्च होने दावा किया था. वहीं विभाग प्रमुख और प्रभारी उपसंचालक एम के चौधरी ने 48 लाख खर्च करने का दावा किया है. साथ ही रेत सफाई में 5 लाख से ज्यादा खर्च होने के रेंजर के बयान को उपसंचालक ने झूठ करार दिया है. अब दोनों अधिकारी कटघरे में खड़े हैं. पूरा मामला मद्देड बफर क्षेत्र के वाढला का है जहां कुछ सालों पहले जल संसाधन विभाग ने डेम कार्य कराया था, ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग को मरम्मत कार्य कराने का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन विभाग ने मररम्मत के नाम पर महज खानाफुर्ती ही की है. प्लास्टर, कंक्रीट और 6 एमएम की छड़ के इस्तेमाल से 48 लाख रुपए का भ्रष्टाचार का पूरा खेल खेल गया है, जबकि जल संसाधन विभाग से अनापत्ति तक लेने की विभाग ने जहमत नहीं उठाई. डेम मरम्मत कार्य में लगे मजदूर बताते हैं कि रेंजर साहब सिर्फ भुगतान करने एक बार आए थे दोबारा वो क्षेत्र में कभी नहीं पहुंचे. वहीं मजदूर कन्हैया ने बताया कि पूरे मरम्मत कार्य में मजदूरों को महज 170 रुपए प्रतिदिन की दर से भुगतान किया गया है.

[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=QzTXGB9wxZI[/embedyt]

ग्रामीणों ने बताया कि नहर का कार्य दैत्याकार मशीनों से 2 से 4 दिनों तक कराया गया है, एक नाली खोदकर दोनों ओर उसी मिट्टी मोरूम को डाल दिया गया है. अब नाली के दोनों तरफ की मिट्टी नाली में गिरने लगी है और कुछ समय में नहर भी बंद होने की कगार पर है.

[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=xMS2vAFND_E[/embedyt]

इंद्रावती टाइगर रिज़र्व बीजापुर में भ्रष्टाचार के बड़े बड़े खेल खेले जाते रहे हैं. भाजपा के 15 सालों के शासन और पूर्व वनमंत्री मंत्री महेश गागड़ा के वक्त प्रभारियों के हाथों पूरी कमान हुआ करती थी जो कि आज भी जारी है. सरकार के बदलने के बाद भ्रष्टाचार पर रोक लगता नहीं दिख रहा है.

इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष जी वेंकट ने बताया कि कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार हुआ है तो निश्चित तौर पर इसकी जांच होनी चाहिए. अंदरूनी इलाकों के निर्माण कार्यों में अधिकारी मनमानी करते हैं जिस पर लगाम लगनी चाहिए. जिस वादे के साथ कांग्रेस पार्टी सरकार में आई है उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. सरकार को ऐसे संवेनशील मामले में जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए.