पुरषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। आत्महत्या करने वाले लिपिक शुंभम की माँ ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौपा कर कहा है कि जिसने अटैचमेंट के बदले 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, अब उसे ही जांच अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने मामले कि न्यायिक जांच की मांग की है।

शुंभम की मां भारती देवी ने कलेक्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में एसडीएम अंकिता सोम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने किसी मीडियेटर के जरिये उनके बेटे के अटैचमेंट के बदले 25 हजार रुपये की मांग की थी। उऩ्होंने मामले की विभागीय जांच के बजाए न्यायिक जांच करने की मांग की है।

आरोप गलत

मामले में एसडीएम अंकिता सोम ने कहा कि कमेटी में 3 लोग थे, मैं अकेली नही थी। अनुशंसा सूची में पहले नम्बर पर शुंभम का नाम था। सूची में अन्य लोग भी थे, जिनमें से किसी का संलग्नीकरण या तबादला नहीं हुआ। मैं कभी शुंभम को  व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती। कोई जा कर पैसे की मांग करता है तो उसे हमारा मिडिएटर है कहना है गलत होगा। किसी के द्वारा पैसे की मांग नहीं किया गया है। शुंभम के साथ जो हुआ गलत हुआ है उसका हमें खेद है।

बदला गया जांच अधिकारी

आपको बता दें 15 अक्टूबर को तहसील देवभोग के लिपिक शुंभम ने अपने किराये के निवास पर आत्महत्या कर लिया था। सुसाइड नोट में उसने अफसरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच के लिए कलेक्टर छतर सिंह ने मैनपुर एसडीएम अंकिता सोम को जांच अधिकारी बनाया था। लेकिन शुक्रवार दोपहर को जैसे ही शुंभम कि माँ ने प्रताड़ना की जांच के लिए थाने व एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में  कहा था कि कलेक्टोरेट के ट्रांसफर शाखा में बैठने वाली महिला अधिकारी ने शुंभम के संलग्नीकरण के लिए 25 हजार मांगे थे। मामले की खबर मीडिया में आने के बाद देर शाम कलेक्टर ने अंकिता सोम को जांच से हटा कर एडीएम जेसी चौरसिया को जांच अधिकारी नियुक्ति कर दिया।