रमन सरकार की पीडीएस योजना के बाद एक और योजना आज देश में चर्चा का विषय बन गई है. वह योजना है संचार क्रांति योजना. इस योजना ने प्रदेश के उन गरीब परिवारों को तकनीक की दुनिया से जोड़ दिया है. जिसमें देश की सबसे पिछड़ी जनजातियां भी शामिल हैं. इस योजना को छत्तीसगढ़ के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है. जहां हर हाथ में मोबाइल है और वे लोग सरकार की योजनाओं से सीधे जुड़ गए हैं. जिन लोगों तक योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पाती थी आज हर व्यक्ति हर परिवार के पास सरकार की उन सभी योजनाओं की जानकारी सीधे पहुंच जा रही है. अब लोगों को योजनाओं की जानकारी लेने सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटना पड़ रहा था. सरकार की इस योजना को महिला सशक्तिकरण के रुप में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. जिसकी वजह 50 लाख से ज्यादा महिलाओं और छात्रों को स्मार्ट फोन देना है. अब ये महिलाए कई मायनों में आत्मनिर्भर हो चुकी हैं. अब वे ऐसे कई काम अब खुद कर ले रही हैं जिनके लिए वे घर में दूसरे सदस्यों पर निर्भर रहती थीं.

संचार क्रांति योजना के तहत रायगढ़ जिले के सेठ किरोड़ीमल कला  एवं विज्ञान महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन दिया गया. स्मार्ट फोन मिलने से रेखा नायक, साधना पटेल एवं संजीता प्रधान के चेहरे पर खुशी झलक रही थी. बीएससी द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत रेखा नायक ने अपने मोबाइल से अपने पापा को फोन लगाकर उन्हें सरप्राइज दिया. रेखा कहती हैं इंटरनेट के माध्यम से अब पढ़ाई में आने वाली दिक्कतें दूर हो जाएगी.

बीएससी द्वितीय वर्ष में ही पढ़ने वाली छात्रा साधना पटेल एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं. मोबाइल मिलने से साधना के आंखों में खुशी के आंसू झलक आए. परिवार की परिस्थितियों की वजह से उसके पास कोई मोबाइल फोन नहीं था, जब-जब वह दूसरों को फोन से बातें करते हुए और वाट्सअप व फेसबुक में चैट करते हुए देखती थी तो वह मन मसोस कर रह जाती थी. लेकिन उसे भी सरकार की संचार क्रांति योजना के तहत मोबाइल फोन मिला है. जिसकी वजह से वह बेहद खुश है. साधना कहती है कि पहले घरवालों को भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से चिंता लगी रहती थी, उनकी वह चिंता अब दूर हुई. फोन मिलते ही उसने सबसे पहले अपने बड़े भाई को फोन लगाया जो कि खरसिया के ग्राम कनमुरा में रहते हैं. साधना कहती हैं कि वे भी अब सोशल नेटवर्किंग से जुड़ सकेंगी. और जब किसी कारण से कालेज नहीं जाना हुआ तो उनसे फोन कर जान पाएगी कि कालेज में क्या-क्या पढ़ाई हुई है.

वहीं संजीता प्रधान कहती हैं कि उन्हें बीएससी की पढ़ाई में अब ज्यादा मदद मिल पाएगी, इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगी. संजीता कहती हैं कि तबियत खराब होने के कारण वे कई दिन कालेज नहीं आ पायी थी. जिससे पढ़ाई में दिक्कत आ रही थी. अब मोबाइल मिलने से पढ़ाई में आ रही परेशानी दूर होगी और वे इंटरनेट के जरिए अध्ययन करेंगी। उन्होंने बताया कि मोबाइल नहीं था तो घर परिवार में बातचीत करने में असुविधा होती थी. दूसरे से फोन लेकर बात करना होता था. उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि अब वे स्वयं फोन लगाकर अपने परिजनों का हाल समाचार पूछ सकेंगी. छात्राओं ने स्काई योजना की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह को धन्यवाद ज्ञापित किया है.

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