जरूरत क्या होती है जब ये जानने का दिल करे तो कूच करिए कभी किसी गरीब के घर की ओर. शायद वहां जाकर आपको अहसास हो जाए कि क्या होता है अभाव में रहना. उस पीड़ा, उस उम्मीद तोड़ देने वाली वेदना को समझ पाना हर किसी के लिए आसान नहीं. गरीबों की इसी पीड़ा को समझा राज्य के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने. प्रदेश के मुखिया ने घरों में, मिलों में रोजी मजदूरी करने वाली महिलाओं और उनके परिवार के दर्द के करीब से देखा है, उसी दर्द को कम करने के लिए मुख्यमंत्री ने संचार क्रांति योजना के तहत छत्तीसगढ़ के लाखों परिवारों को स्मार्ट फोन देने का फैसला किया. आलोचक सोचते हैं कि एक स्मार्ट फोन से क्या बदल जाएगा. लेकिन एक स्मार्ट फोन से क्या बदल रहा है अगर जानना चाहते तो आगे जरूर पढ़िए हितग्राहिओं की कहानी उनकी मुंह जुबानी.
विधि अग्निहोत्री, संदीप ठाकुर । लोरमी गांव की रहने वाली महिला की जिंदगी आपकी आम जिंदगी की तरह बिल्कुल नहीं है क्योंकि आप जो कचरा फैलाते है ये महिला उसे साफ करने का काम करती है. बचन बाई स्वच्छता दीदी है जो डोर टू डोर जाकर कचरा लेने का काम करती हैं ताकि आपका घर और शहर दोनों साफ रहे. अंजोरिया ने बताया कि एक स्मार्ट फोन से किस तरह उसकी जिंदगी बदल रही है. बचन बाई ने बताया कि उनकी टीम में 30 महिलाएं कार्य कर रही हैं पहले उन्हें सभी महिलाओं को एक जगह इकट्ठा करने में दिक्कत होती थी औरअगर रास्ते में रिक्शा खराब हो जाये तो उनकी परेशानी बढ़ जाती थी. लेकिन उन्हें जब से संचार क्रांति योजना के तहत स्मार्टफोन मिला है तब से उनके जीवन में बदलाव आया है और अब उन्हें परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ रहा है.
वहीं चेचानडीह की रहवासी से अंजोरिया ने बताया कि जब से सरकार की तरफ से फोन मिला है उसका काम आसान हो गया है. घर से बैठे बैठे बहुत से काम हो जाते है. कोई शिकायत करनी होती है तो बस एक फोन कर देने से शिकायत का समाधान कर दिया जाता है. दूर बैठे परिजनों से बात हो जाती है. वीडियो कॉल करके परिवार के लोगों को देख पाती हैं जो सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था वह स्मार्ट फोन मिल जाने से पूरा हो गया है.
वहीं लोरमी के स्थानीय निवासी नीलू यादव ने बताया कि उन्हें अब स्मार्टफोन फोन मिल जाने उन्हे पढ़ाई करने में आसानी हो रही है नेट के माध्यम से वह सारी जानकारी ले लेती है किसी से फोन मांगने या साइबर कैफे जाने की अब जरूरत नहीं. साथ ही समय की बचत भी हो जाती है और पैसे भी नहीं खर्च करने पड़ते. आसानी हो रही हैं।