समाज में एक तबका ऐसा है जो भौतिक सुख-सुविधाओं से कोसों दूर है. डिजिटल होते भारत में लोगों को तभी आगे बढ़ाया जा सकता है जब लोग डिजिटली साक्षर होंगे और लोगों को डिजिटली साक्षर करने के लिए उनके पास स्मार्ट फोन का होना जरूरी था. लिहाजा प्रदेश की सरकार ने लोगों को संचार क्रांति योजना के तहत स्मार्ट फोन देने का फैसला किया. स्मार्ट फोन मिलने से समाज का गरीब और पिछड़ा हुआ वर्ग जो सुविधाओं से लाभान्वित नहीं था वो भी अब स्मार्ट फोन मिल जाने से विकास की दिशा में अग्रसर है. छत्तीसगढ़ देश का यह पहला ऐसा राज्य है जो प्रदेश भर में गरीब तबकों की महिलाओं और कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं को संचार क्रांति योजना के तहत मोबाइल दिया गया है. छत्तीसगढ़ को डिजिटल बनाने के लिए प्रदेश भर में इस योजना को लागू किया गया है. रमन सरकार की सपना था कि प्रदेश की महिला अपने हर काम खुद कर सके किसी दूसरे पर निर्भर ना रहे आज वही सपना साकार हो रही है.
विधि अग्निहोत्री, चंद्रकात देवांगन । आज प्रदेश भर में मोबाइल तिहार मनाया जा रहा है. हर आदमी के हाथ में आज मोबाइल है. कल तक जो महिला मोबाइल पर बात करने के लिए तरसती थी, वही आज अपने रिश्तेदारों व अपने करीबी लोगों से आज स्मार्ट फोन पर वीडियो कॉलिंग कर अपनों की हालचाल पूछ रही है. महिला ने बताया कि कभी उसने सोचा भी नहीं था कि कभी खुद के मोबाइल पर बात हो पाएगी, लेकिन रमन सरकार की इस योजना में महिलाओं की जिंदगी में बड़ा परिवर्तन ला दिया है. स्मार्ट फोन के माध्यम से सरकार की जन कल्याण योजना से सीधे जानकारी मिल रही है. अब प्रदेश की महिलाएं सुरक्षित भी रहेगी. साथ ही महिलाओं के साथ कोई अप्रिय घटना होने पर मौके पर कॉल करके पुलिस को बुला सकते हैं. अब हर गाँव और अंतिम व्यक्ति के साथ परिवार भी डिजिटल युग से जुड़ चुका है ऐसे में जब आत्मनिर्भर हर महिला होगी तो प्रदेश को डिजिटल बनाने से कोई नहीं रोक सकता.
वहीं महिला हितग्राही ने बताया कि तीज के पहले हर महिला अपने मायके जाती है और मायके में उन्हें भाई तीज का उपहार देता है. प्रदेश के मुखिया रमन सिंह ने इस योजना के तहत स्मार्ट फोन देकर एक भाई होने का फर्ज़ निभाया है जिससे हितग्राही महिलाएं बहुत ही खुश है और सरकार की इस योजना की सराहना करते उन्हें अपना आशीर्वाद भी दे रही है.
राजश्री सेन धनोरा गांव की रहने वाली है राजश्री एक गृहिणी है उनके घर पर पति के अलावा सास-ससुर और बच्चे है. घर पर सिर्फ एक ही मोबाइल था जो कि पति काम पर बाहर जाते वक्त साथ लेकर जाते थे. कभी किसी वक्त पति के घर आने पर देर हो जाने से उसे चिंता सताती थी कि कहीं कोई अनहोनी न हो गयी हो पर संचार क्रांति योजना के बाद अब घर पर दूसरा मोबाईल आ गया है. जिससे राजश्री कभी भी समय मिलने पर पति का हालचाल पूछ कर अपनी चिंता दूर कर लेती है. साथ ही अकेले निकलने पर सुरक्षित महसूस करती हैं
हितग्राही उस्ला मझुकर गरीब परिवार की महिला है. उनके घर में चार सदस्य हैं उस्ला मजदूरी कर परिवार का पेट पालती है .उनके घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. उस्ला के पास फोन नहीं था, दूसरों के हाथ में फोन देखती तो इच्छा होती कि मेरे पास भी फोन होता. मैं भी फोन कर सकूं, रिश्तेदारों से बात कर सकूं. उसके बाद छत्तीसगढ़ शासन की ओर से संचार क्रांति योजना के तहत उस्ला को 4जी स्मार्टफोन मिला तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. अब उस्ला अपने परिवार और रिश्तेदारों फोन से या वीडियो कॉलिंग से बात कर रही है. उस्ला का कहना है कि पहले उसे काम के लिए ठेकेदार के पास जाकर पता करना पड़ता था कि आज काम है या नही उसे काम पाने के लिए भटकना पड़ता था पर अब मोबाईल के माध्यम से वह किसी भी ठेकेदार से बात कर अपना काम ढुंढ़ लेती है.अब आसानी से प्रदेश के किसी कोने मैं अपने रिश्तेदारों को आसानी से फोन कर हालचाल जान लेती है. वहीं उस्ला ने बताया कि इस बार उसने फोन करके ही अपनी बेटी को भी तीजा में घर बुलाया और उसका कहना है कि इस योजना ने उसके जीवन में परिवर्तन ला दिया है अब समय की बचत के साथ काम भी आसानी से मिल जायेगा. ऐसी योजना चलाने और महिलाओ के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए राज्य सरकार को वह धन्यवाद भी दे रही है.
खिलेश्वरी एक बी.ए. प्रथम वर्ष की छात्रा है. वो धनोरा गाव की युवती है घर से पढ़ाई के लिए कालेज जाने तक की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है वो पढ़ाई करके वापस आती है तब तक थकान से भर जाती है उसे अपनी पढाई के सम्बन्ध में कोई तकलीफ होने पर वो आगे जानकारी लेने में असमर्थ थी. उसे अपने कोर्स के विषय में जानकारी लेने के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. पर जब से संचार क्रांति योजना से उसके घर में मोबाईल फोन आया है वो उस फोन से पूरी दुनिया से जुड़ गयी है अब उसे अपने पढ़ाई में दिक्कत आने पर गूगल, यू-ट्यूब जैसे साफ्टवेयर की मदद से अपनी मुश्किल हल कर लेती है वही अब रोजगार के सम्बन्ध में कोई जानकारी लेनी हो तो भी वह मोबाईल के माध्यम से जानकरी लेना फार्म भरना जैसे कई काम कर लेती है अब वह घर पर ही बैठ कर मोबाईल से गैस सिलेंडर की बुकिंग , बिजली बिल व मोबाईल रिचार्ज जैसे काम भी कर लेती है. सरकार ने ऐसी योजना चलाकर छात्रो के जीवन को भी डिजिटल युग से जोड़ दिया है अब गाव की छात्राए भी शहरो के छात्र छात्राओ से कम नही है. इस योजना ने न केवल लोगो को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है बल्कि तमाम दूर रिश्तेदार साथियों को आपस में इतना करीब ला दिया है जिससे परिवार आज चिंतामुक्त होकर अपनी मुस्कान बिखेर रहा है.
धनोरा गांव के निवासी ताराचंद साहू की माने तो सरकार ने इस योजना के माध्यम से एक बड़ा परिवर्तन लोगो के जीवन में लाया है संचार क्रांति ने आज गांव को भी डिजिटल बना दिया है एक एक व्यक्ति अब आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है अब गाव और शहर के बीच की दुरी को मोबाईल ने और भी कम कर दिया है अब ज़रूरत पड़ने पर एक मिनट में मोबाईल से शहरों और अन्य देशो की जानकारी मिल जा रही है. संचार क्रांति की एक योजना ने जनता को सरकार की अन्य योजनाओ से भी जोड़ दिया है अब महिलाये आत्निर्भर बन रही है छात्रो को तो अब अपने बड़ो से भी कई विषयों के बारे में अधिक मालूम होता अब बड़ो को जानकारी भी अन्य विषयों में अपने घर के बच्चो से लेना पड़ता है. संचार क्रांति के प्रदेश की जनता में ऐसी क्रांति फैलाई है कि अब वो दिन दूर नहींं जब ग्रामीण भी शहरी लोगों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ते दिखाई दे सकते है.
(SPONSORED)