चाहत की कोई सीमा नहीं. न गरीबी आड़े आती है और न ही कोई बंधन. डिजीटल होती दुनिया में जब दूसरों के हाथों में स्मार्टफोन नजर आता, तो कई महिलाओं और युवतियों को लगता कि काश हम भी ऐसी ही दुनिया का हिस्सा होते. हाथों में स्मार्टफोन होता और हम तकनीक से हाथ मिलाते चलते. हालात बदलते देर नहीं लगी. सूबे के मुखिया डाॅ.रमन सिंह ने लाखों महिलाओं और युवतियों की इस चाहत को पूरी करते हुए संचार क्रांति योजना शुरू की. इस योजना ने दुनिया को बताया कि आखिर कैसे स्मार्टफोन के जरिए महिलाओं को सशक्त किया जा सकता है. महिला सशक्तिकरण की एक ऐसी ही मिसाल हैं निर्मला यादव. निर्मला यादव नगर पंचायत नवागढ़ बाबली पारा की रहने वाली है. निर्मला और उनके पति पर परिवार का पेट पालने की जिम्मेदारी थी. निर्मला सब्जी बेचकर घर का खर्च चलाती तो वहीं उसके पति आमदनी के लिए परिवार से दूर दूसरे शहर में रहकर काम करते. निर्मला को पति की चिंता सताती, घर पर भी बच्चे पिता से बात करने की जिद करते. पिता से दूर रह रहे इन बच्चों को पिता से मिलवाया प्रदेश की रमन सरकार ने, संचार क्रांति योजना ने निर्मला को फोन देकर उसकी सारी चिंता ही दूर कर दी. 

दरअसल निर्मला बच्चों से झूठ कहकर उन्हे शांत कर देती कि तुम्हारे पापा जल्दी आ जाएंगे. निर्मला बच्चों को तो बहला लेती लेकिन पति से बात ना होने की वजह से निर्मला भी मायूस रहतीं. वहां निर्मला के पति को भी घर की याद सताती वो हर बार सोचते की इस बार आमदनी से थोड़े पैसे बचाकर एक फोन खरीद कर घर पर दे दें. लेकिन पैसे घर का खर्च चलाने में ही निकल जाते फोन खरीदने के लिए पैसे ही नहीं बच पाते. लेकिन प्रदेश के मुखिया ने निर्मला जैसी महिलाओं के लिए खुशियों के दरवाजे खोल दिए. निर्मला को पता चला कि प्रदेश की रमन सरकार उन्हे संचार क्रांति योजना के तहत मुफ्त में स्मार्ट फोन दे रही है. निर्मला ने बिना किसी विलंब के फार्म भरा और दस दिन के अंदर निर्मला के हाथों में स्मार्ट फोन आ गया. निर्मला के मायूस चेहरे पर खुशी की लहर छा गई. निर्मला की चिंता मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दूर कर दी. अब निर्मला पति से हर दिन बात कर पाती, बच्चे भी जब चाहे अपने पिता को देख पाते हैं उनसे बात कर पाते हैं. परिवार को खुश देख निर्मला के पति कहते हैं कि जो काम मैं नहीं कर पाया वो काम रमन सरकार ने कर दिया.

इसी तरह लता और निधि भी स्मार्ट फोन के अभाव में अपनी कॉलेज की पढ़ाई अच्छे से नहीं कर पा रही थीं. कई बार जानकारी लेने के लिए इन्हें साइबर कैफे का रूख करना पड़ता. समस्या तो तब खड़ी हो जाती जब परीक्षा के दिनों में या रात में पढ़ाई से संबंधित कोई जानकारी लेनी होती. रात को निकलना तो संभव नहीं हो पाता. जिसका खामियाजा इन छात्राओं को पढ़ाई में उठाना पड़ता. लेकिन निधि और लता जैसा कई छात्राओं की परेशानी को दूर कर इनके भविष्य को उज्जवल बनाने में प्रदेश सरकार तत्पर रही. संचार क्रांति योजना के तहत इन्हे स्मार्ट फोन मिला. ये छात्राएं अब पढ़ाई के लिए किसी की मोहताज़ नहीं. जो भी जानकारी इन्हें चाहिए वह घर बैठे मिल जाती है. अब ना तो साइबर कैफे जाने की जरूरत ना ही दुनिया से पिछड़ जाने का डर है. वाकई में प्रदेश सरकार ने संचार के क्षेत्र में लोगों को जोड़कर एक एतिहासिक काम किया है. स्मार्ट फोन मिलने से अब लोग तो स्मार्ट होंगे ही साथ ही केंद्र सरकार का कैशलेस ट्रांजेक्शन का सपना भी इस योजना के मार्फत जल्द ही पूरा हो जाएगा.

निर्मला की तरह ही कहानी है लक्ष्मी निषाद की. लक्ष्मी बेमेतरा जिला के नवागढ़ की रहवासी है उनके परिवार में लोग हैं. लक्ष्मी खेती किसानी करके परिवार का पेट पालती हैं. उनके आर्थिक हालात भी ठीक नहीं है. घर में आस पड़ोस के लोगों के पास जब लक्ष्मी फोन देखती तो लक्ष्मी को भी इच्छा होती कि मेरे पास भी कोई फोन होता. संचार क्रांति योजना के तहत लक्ष्मी बाई को 4जी मोबाइल दिया गया. लक्ष्मी का तो जैसे सपना ही पूरा हो गया इससे पहले लक्ष्मी के पास कोई मोबाइल नहीं था और अब उसी लक्ष्मी के पास स्मार्ट फोन है. मोबाइल मिलने के बाद लक्ष्मी निषाद अपने परिवार से रिश्तेदारों से फोन कर वीडियो कॉल कर बात कर पाती है. लक्ष्मी डॉ रमन सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि फोन मिलने से मैं अब उन लोगों से बात कर पा रही उन्हे देख पा रही हूं जिनसे मिले अरसा हो गया था. 

संचार क्रांति योजना ने बदली प्रदेश की तस्वीर

  • संचार क्रांति योजना अंतर्गत प्रदेशभर के 5o  लाख महिलाओं को प्रदेश सरकार निशुल्क 4जी स्मार्टफोन वितरण किया जा रहा है.
  • इसके साथ ही लाख युवाओं को स्मार्ट फोन दिए जा रहे हैं.
  • अब तक दस लाख फोन वितरित किए जा चुके हैं.
  • शासकीय निजी शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले लाख 30 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन बांटे जाएंगे. 
  • इस मोबाइल की खासियत यह है कि यह किसी महंगे मोबाइल से कम नहीं है.
  • सरकार ने छह माह तक 1000 मिनट कॉलिंग फ्री तथा हर दिन 1 GB इंटरनेट डाटा सुविधा दिया गया है.
  • इस योजना से राज्य के 13,900 गांव मोबाइल सेवा के दायरे में आ जाएंगे.
  • लोग दूरदराज के इलाकों में 11,000 कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए कई जरूरी सेवाओं का लाभ अपने स्मार्टफोन से उठा सकेंगे.
  • छत्तसीगढ़ देश का यह पहला ऐसा राज्य है, जहां प्रदेश भर में गरीब तत्वों के महिलाएं और कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं को संचार क्रांति योजना के तहत मोबाइल दिया गया है.
  • इस योजना ने ही छत्तीसगढ़ को डिजीटल छत्तीसगढ के रूप में स्थापित किया है. 

छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार के सारथी मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का सपना था कि प्रदेश की महिला आत्मनिर्भर बने. अपने हर काम खुद कर सके किसी दूसरे पर निर्भर ना रहे आज वही सपना साकार हो रहा है संचार क्रांति योजना के माध्यम से. प्रदेश भर में मोबाइल तिहार मनाया जा रहा है और हर आदमी के हाथ में आज मोबाइल है कल तक जो महिलाएं मोबाइल पर बात करने के लिए तरसती थीं वही आज अपने रिश्तेदारों व अपने करीबी लोगों से आज स्मार्ट फोन पर वीडियो कॉलिंग कर अपनों की हालचाल जहां रही है साथ ही पोर्टल मीडिया संदेश के जरिए अपना लोगों से बात कर रही है.

महिलाओं ने कहा कि हमने कभी अपने सपने में सोचा नहीं था कि हम कभी मोबाइल पर बात करेंगे, लेकिन रमन सरकार की इस योजना में महिलाओं की जिंदगी में अमूल्य परिवर्तन ला दिया है, वहीं अब प्रदेश की महिलाएं रमन सरकार की इस योजना से अब आत्मनिर्भर हो रही हैं. साथ ही स्मार्ट फोन के माध्यम से उन्हे सरकार की जन कल्याण योजना की सीधे जानकारी मिल रही है. साथ ही जिले की छोटी बड़ी खबरें भी अब मोबाइल के जरिए आसानी से प्राप्त हो रही हैं. इस योजना का सबसे बड़ा फायदा प्रदेश की महिलाओं को हुआ है.

कोई मनचले महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं, तो सीधा पुलिस से संपर्क कर मौके पर बुला सकते हैं अब प्रदेश की महिलाएं सुरक्षित भी रहेगी. कही कहीं भी सड़क दुर्घटना होती है तो 108 डायल कर एंबुलेंस को बुला सकते हैं ताकि किसी जिंदगी बचा जा सके और प्रसव के समय महिलाएं 102 डायल कर महतारी एक्सप्रेस को घर में बुलाकर सीधे अस्पताल पहुंच सकती हैं. जिससे वक्त रहते अस्पताल में महिलाओं और बच्चों की इलाज कराया जा सकता है. साथ ही प्रदेश की महिलाएं सीधे मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह से सीधे बात कर अपनी शिकायत कर सकती हैं वही आप पर देश को डिजिटल बनाने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह महिलाओं आत्मनिर्भर हो रही हैं. शासकीय व निजी कॉलेजों मैं पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं के साथ ऐसे भी होता है. कॉलेज में किसी विषय की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण  बच्चे अक्सर फेल हो जाते हैं वही बच्चे आज मोबाइल का सही तरीके से उपयोग कर रहे हैं और जो भी जानकारी चाहिए रहता है इंटरनेट से तुरंत जानकारी जुटा सकते हैं और साथ ही साथ YouTube वीडियो देखकर और अच्छे से समझ रहे हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास संचार क्रांति योजना के माध्यम से किया गया है. भविष्य में इस योजना का लाभ व्याप्क स्तर पर देखा जाएगा.

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