पेशे से सिलाई कढ़ाई करने वाली विद्या चक्रधारी को इससे पहले ये नहीं मालूम था कि मोबाइल फोन के जरिए वह न केवल अपने काम को आगे बढ़ा सकती हैं, बल्कि इंटरनेट के जरिए अपने काम को तराश भी सकती है. अब विद्या अपने उन ग्राहकों के बेहद नजदीक हैं, जो उसकी कमाई का बड़ा जरिया हैं. दरअसल यह मुमकिन हो सका है छत्तीसगढ़ सरकार की संचार क्रांति योजना के बूते. संचार क्रांति योजना यानी स्काई के तहत विद्या को मोबाइल फोन मिला. फोन मिलने के बाद विद्या ने अपने आप को तकनीक से जोड़ा. अपने काम को उम्दा बनाने इंटरनेट की मदद ली और आज हालात बदल गए हैं. आज विद्या पहले से कहीं ज्यादा कमा रही है. कमाई बढ़ी, तो जिम्मेदारियां पूरी होने लगी है. परिवार में अब खुशियां आ गई हैं. विद्या की कहानी बताती है कि आखिर एक योजना कैसे जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है. आज विद्या की तरह ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने रमन सरकार के दिए स्मार्टफोन के साथ अपनी सोच को बदला है. 

संचार क्रांति योजना मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. रमन सिंह कहते हैं कि यह योजना उनके बेहद करीब है. इसके पीछे की वजह बताते हुए वह कहते हैं कि इस योजना के जरिए मकसद सिर्फ मोबाइल फोन का वितरण ही नहीं है,बल्कि प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाना भी है. रमन का यही सपना अब साकार होता दिख रहा है. सरकार ने लक्ष्य रखा है कि चालीस लाख महिलाओं को स्मार्टफोन का वितरण किया जाए. सरकार के इस लक्ष्य के पूरा होने के साथ-साथ एक बड़ी आबादी की वो तस्वीर भी अब सामने आने लगी है, जो यह बताती है कि सूचना के इस युग में आखिर मोबाइल ने कैसे जिंदगी को आसान बना दिया है.

रिश्तों की दूरियां सिमटी

72 साल की उर्मिला कुम्हारी में अकेले रहती हैं. दो बच्चे हैं. बेटा महाराष्ट्र के अमरावती में तो बेटी चंद्रपुर में रहती हैं. उम्रदराज महिला उर्मिला ने इससे पहले कभी खुद का मोबाइल नहीं चलाया था. कभी कोई फोन पर किसी से बात करा दें, तो बात हो जाती, वरना इस उम्मीद में वक्त खाली बीतता की सैकड़ों मीलों दूर रहने वाले बच्चे उनकी सुध ले लें. अब जब रमन सरकार की स्काई योजना के तहत स्मार्टफोन मिला, तो लगा की रिश्तों की दूरियां सिमट गई हैं. अब वह कभी भी अपने बच्चों से फोन पर बात कर लिया करती हैं. चेहरे पर लटकी झुर्रियों के बीच होठों पर आई मुस्कान बताती है कि मोबाइल फोन ने उनकी खुशियों में इजाफा किया है. शायद यही वजह है कि उर्मिला कहती हैं कि इस योजना के लिए रमन सरकार को धन्यवाद. उर्मिता बताती हैं कि पहले उन्हें दूसरों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ता था कि कोई उनके बच्चों से उनकी बात करा दे. लेकिन अब दूसरों की मदद की जरूरत नहीं पड़ती. अब वह फोन लगाकर घंटों अपने बच्चों से बातें किया करती हैं. 
घर पर पापड़ बनाकर जिंदगी के पहियों को खींचने वाली उर्वशी इस बात से बेहद खुश है कि मोबाइल फोन ने उनकी जिंदगी के प्रति नजरिये को बदला है. उर्वशी के पति मजदूरी करते हैं, लेकिन पति-पत्नि दोनों चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो सके. अब जब रमन सरकार की योजना का लाभ उन्हें मोबाइल के रूप में मिला है, वह कहते हैं कि इससे बच्चों की पढ़ाई में भी सुधार आया है. इंटरनेट के जरिए दुनियाभर की जानकारी लेने के साथ-साथ पढ़ाई से जुड़ी जानकारियां भी इकठ्ठी कर लेते हैं. 
45 साल की करूणा मेश्राम एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका हैं. वह संचार क्रांति योजना के जरिए स्मार्टफोन बांटे जाने की रमन सरकार की पहल को वह अनूठी पहल बताती हैं. वह कहती हैं कि सरकार की हर योजना की जानकारी मोबाइल फोन के जरिए मिल जाती है. किसके लिए कौन सी योजना बेहतर है. यह पता लगाने उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती. इससे बेहतर और क्या हो सकता है.
 
कुम्हारी के एल्डरमेन महेश सोनकर बताते हैं कि रमन सरकार की संचार क्रांति योजना का सकारात्मक असर चारो ओर दिखाई दे रहा है. जिन्होंने महज एक साधारण फोन की कल्पना कभी नहीं की थी,उन्हें रमन सरकार स्मार्टफोन दे रही है. इस योजना के जरिए दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोग भी दुनिया से जुड़ गए हैं. 
 
आधुनिकता के इस दौर में जहां दुनियां तेजी से बदल रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गरीबों के लिए शुरू की गई संचार क्रांति योजना के तहत वितरित किए गए स्मार्टफोन ने निश्चित ही लोगों के जीवन को बदलने का काम किया है. मोबाइल फोन से किसी ने अपना व्यवसाय बढ़ाया है, तो कोई मीलों दूर रहने वाले अपने परिजनों के बेहद करीब आ गया है. कोई जिज्ञासु बन रहा है तो कोई इससे पढ़ लिखकर नई-नई जानकारियां हासिल कर रहा है. गरीबों के जीवन शैली में हुए इस क्रांतिकारी बदलाव ने वाकई संचार क्रांति योजना के नाम को पूर्ण रूप से सार्थक किया है. 
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