योजना का लाभ किस स्तर तक लिया जा सकता है उसका अनुमान लगाना मुश्किल है. क्योंकि योजना लागू होने के बाद हर तबके हर वर्ग के लोगों तक पहुंचती है और व्याप्क स्तर पर उसका प्रभाव देखा जाता है. ऐसी ही एक योजना है संचार क्रांति योजना, जिसके तत्काल प्रभाव तो दिख ही रहे हैं साथ ही दूरगामी परिणाम भी देखने को मिलेंगे. बरमकेला ब्लॉक के ग्राम लेंध्रा में पदस्थ मितानिन चंद्रकांता ने इस योजना के दूरगामी परिणामों से अवगत कराया. चंद्रकांता बताती है कि उसके ब्लॉक में लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं साथ ही उनके आर्थिक हालात भी बहुत अच्छे नहीं है. जब कोई बीमार हो जाता या कोई अापात स्थिति आ जाती है तो लोगों को हॉस्पिटल पहुंचने में ही समय लग जाता, क्योकि बहुत कम लोगों के पास फोन थे. लिहाजा एंबुलेंस बुलाने के लिए उक्त व्यक्ति को पास जाना पड़ता जिसके पास फोन होता था. इससे काफी समय व्यर्थ हो जाता और समय रहते मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पाता. लेकिन जब से हाथों में स्मार्ट फोन आया है यहं कि महिलाओं के चेहरे से हंसी नहीं जा रही.

विधि अग्निहोत्री, लोकेश प्रधान । चंद्रकांता ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कुछ समय पहले जब फोन गांव नहीं पहुंचा था. लोग तड़पते रह जाते, हॉस्पिटल पहुंचने में देर हो जाती क्योंकि लोग एंबुलेंस को सूचित ही नहीं कर पाते थे. कई बार तो मरीज को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया जाता. लेकिन अब स्थिति में बदलाव देखा जा रहा है. एंबुलेंस को बुलाना हो, महतारी एक्सप्रेस की सुविधा प्राप्त करनी हो बस एक कॉल पर वाहन तत्परता के साथ पहुंच जाते हैं. इससे लोगों की स्वस्थ्य स्थिति पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी. लोगों अब किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती. हर घर में स्मार्ट फोन पहुंच गया है.

संचार क्रांति योजना ने एक मां का दुख कम कर दिया. दरअसल ललिता पटेल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए गांव से दूर भेजकर पढ़ा रही है. ललिता चाहती है कि उससे बच्चे पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी करें और घर के हालात बदल सके. ललिता ने अपने बच्चों की हर जरूरत को पूरा करने की कोशिश की है लेकिन खुद के लिए कभी कुछ नहीं कर पाई. कई बार ललिता की इच्छा होती कि बच्चों से बात कर लें उन्हे एक बार देख लें. लेकिन बच्चों की जरूरतें पूरी करते करते वो अपने लिए कुछ कर ही नहीं पाई. जब ललिता को पता चला की राज्य की रमन सरकार मुफ्त में स्मार्ट फोन बांट रही है तो उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा. फार्म भरने के कुछ दिन बाद ही ललिता के हाथों में स्मार्ट फोन आ गया. फोन मिलने के कुछ दिनों में ही ललिता ने फोन चलाना सीख लिया. जिस ललिता के पास कभी फोन नहीं था, जिसे स्मार्ट फोन चलाना नहीं आता था. वही ललिता अब अपने बच्चों को वीडियो कॉल कर देख पा रही है. उनसे बात कर पा रही है. ललिता भरे हुए गले से कहती है कि मैं दिल से मुख्यमंत्री रमन सिंह का शुक्रिया अदा करती हूं उनकी वजह से ही मेरे और बच्चों के बीच की दूरियां खत्म हुई. अब मेरा जब मन करता है मैं फोन लगा अपने बच्चों से बात कर लेती हूं.

ऐसी ही स्थिति जान्हवी यादव की है जान्हवी लुकापारा गांव के एक किसान परिवार में गृहणी हैं. जान्हवी ने बताया कि मोबाइल मिलने के बाद हम सब गांव वाले बहुत खुश है मोबाइल मिलने पर अब हम तकलीफ की स्तिथि में डॉक्टर से सीधे बात कर अपने गांव बुलाकर जाच करा पाएंगे. वहीं अपने रिश्तेदारों से भी बात कर पा रहे हैं.

वहीं कमला धांगड़ मोबाइल पाकर बेहद खुश है. उन्होंने कहा कि मोबाईल मिलने के बाद रोज अपने रिश्तेदारों से बात कर पा रही है. मेरा बेटा बाहर रह कर पढ़ रहा है, उससे बात करना भी अब आसान हो गया है. बेटी की शादी हो चुकी है उसकी चिंता भी सताती थी कि वो ससुराल में कुशल मंगल है कि नहीं. फोन मिल जाने से अब ये चिंता भी दूर हो गई.  उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को निशुल्क फोन देने पर आभार जताते हुए कहा कि राज्य के लोग खुशनसीब हैं जो उन्हे जनता के प्रति समर्पित भाव रखने वाला मुख्यमंत्री मिला.

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