संचार क्रांति योजना ने छत्तीसगढ़ राज्य को डिजिटली साक्षर बनाने की ओर अग्रसर किया है. एक समय ऐसा था जब छत्तीसगढ़ की छवि बीमारू और नक्सली प्रभावित राज्य की थी. अब छत्तीसगढ़ राज्य विकास की नई ऊंचाईयां छू रहा है. यहां के लोग अब अनपढ़ या पिछड़े नहीं है. आदिवासी अंचल के रहवासी भी अब स्मार्ट फोन से खुद को स्मार्ट बना रहे. घर बैठे सारी जानकारी ले रहे, बिजली बिल का भुगतान कर रहे, फोन से ही अपना व्यव्साय कर रहे. यह सब संभव हो पाया संचार क्रांति योजना की वजह से.
विधि अग्निहोत्री । किसी को रिश्तेदारों से बात करनी है या फिर किसी को नाती-पोतों की खबर रखनी हो तो कोई सीधे माननीय मंत्री जी से ही बात करना चाहती है या फिर राशन दुकान में सामान की उपलब्धता की जानकारी लेनी हो. दिनांक 10 अगस्त को विकासनगर के कम्युनिटी हॉल में महिलाओं को वितरित किए गए स्मार्ट फोन के माध्यम से महिलाओं ने जैसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी को बदलने का फैसला कर लिया हो.
इस मौके पर उनके बातचीत करने के दौरान सभी महिलाओं ने स्मार्ट फोन के संबंध में अलग-अलग विचार व्यक्त किए. लेकिन कुल मिलाकर सभी ने एक स्वर में शासन की इस अभिनव योजना की सराहना करते हुए साधूवाद दिया. गांधीवार्ड निवासी वृद्धा जगोबाई (65) वर्ष के नाती और पोते अक्सर शहर में काम करने जाते है और वह उनके आने का वक्त कोई निश्चित नहीं होता ऐसे में उसे लगातार चिंता बनी रहती है. अब वह अपने स्मार्ट फोन के द्वारा निश्चित खोज खबर रख सकेगी, ऐसा वह कहती है. सरकार ने इस उम्र में उसे मोबाईल फोन देकर उसके सपनों को पूरा कर दिया है.
इसी प्रकार डोंगरीपारा निवासी अंजनी बाई एक घरेलू महिला है उसका मानना था कि अचानक कुछ हो जाने पर अपने रिश्तेदारों से संपर्क कर सकेगी, पहले फोन न होने की स्थिति में अड़ोस-पड़ोस के मोबाईल फोन का आसरा रहता था. लेकिन माननीय मुख्यमंत्री की बदौलत आज उसके पास स्वंय का स्मार्ट फोन है.
गांधीवार्ड की ही (50) वर्षीय पुरनबती मजदूरी करती है उसने भी मोबाईल फोन प्राप्त होने पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राशन दुकान दूर होने से वह कभी-कभार सामग्रियों की उपलब्धता को पता नहीं कर पाती थी लेकिन अब फोन के माध्यम से उसे अब पूरी जानकारी मिल जायेगी. गांधीवार्ड की रहने वाली एक अन्य महिला मगनबाई सीधे माननीय मुख्यमंत्री से बात करने की ईच्छा करते हुए कहा कि वह उन्हें धन्यवाद करने के लिए फोन में बात करना चाहती है.
इसमें कोई शक नहीं है कि मोबाईल प्रोद्योगिकी महिलाओं को एक बेहतरीन प्लेटफार्म उपलब्ध करायेगा आने वाले समय में चाहे काम-काजी महिला हो या घरेलू महिला। सभी की पहुंच बैंकिग सेवाओं, श्रम बाजार, उपभोक्ता सेवाओं तक निर्बाध रुप से होगी और यह महिला सशक्तिकरण का नया दौर होगा.
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