नई दिल्ली। चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल अनेकों तरह के जतन कर रहे हैं. ऐसा ही जतन पुरी से भाजपा प्रत्याशी और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा भी करते नजर आ रहे हैं. मतदाताओं कों लुभाने के लिए वो जो भी कर रहे हैं उसका वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट भी कर रहे हैं. चुनाव प्रचार में निकले संबित पात्रा गरीबों के घर खाना खाकर सभी वर्गों को साधने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा गरीब तबके के भी साथ है. संबित पात्रा इसका वीडियो अपने ट्विटर पेज पर पोस्ट भी किये हैं. लेकिन उनका यह वीडियो मोदी सरकार की सबसे बड़ी योजना की पोल खोल रही है. संबित ने जो वीडियो शेयर किया है उसमें मोदी सरकार की उज्जवला योजना पर सवाल खड़े हो रहे हैं और योजना की जमीनी हकीकत को बयां भी कर रहा है.

संबित ने अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “पुरी के एक छोटे से गांव में में रहने वाली एक बूढ़ी विधवा मां, उसकी तीन बेटियां, जिनमें 2 दिव्यांग व बेटा मजदूरी करता है. ऐसी मां का घर बनाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है.”


इस वीडियो को आप देखेंगे तो पाएंगे कि धोती कुर्ता पहने और माथे पर त्रिपुंड तिलक लगाकर संबित पात्रा खाना खाने बैठे हैं. केले के पत्ते पर खाना परोसा हुआ है और वहीं बाजू में बैठी बुजुर्ग महिला चूल्हे में खाना पका रही है न कि गैस में. संबित पात्रा ने इसके बाद दूसरा वीडियो भी शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, “यह मेरा अपना परिवार है, मां ने खाना बनाकर खिलाया. मैंने अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाया और मैं यह मानता हूं कि इनकी सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है.”


इस वीडियो को शेयर करने के बाद उज्जवला योजना को लेकर सवाल उठने लगे हैं. गरीबों की योजना और महिलाओं की हितैषी योजना के तौर पर इसे पीएम मोदी और उनके मंत्री लगातार हर राज्य में पेश करते रहे हैं. पिछले दिनों हुए विधानसभा में भी इस योजना को बताकर वोट मांगा गया था. सरकार और भाजपा लगातार इसे भुनाने की कवायद अब भी कर रही है. इस वीडियो के सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इसका इंप्लीमेंटेशन आखिर क्यों नहीं हुआ? वो भी उस राज्य में जहां से खुद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के राज्य मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान आते हैं. जब उनके ही राज्य में उज्जवला योजना का यह हाल है तो बाकी राज्यों में क्या होगा.

एक ट्विटर यूजर ट्वीट कर सवाल उठ रहा हैं, “ये माँ आज भी चूल्हे पर खाना पकाने को मज़बूर है. ये विधवा हैं और उनकी 2 बेटियां दिव्यांग हैं. उज्ज्वला योजना का क्या हुआ? विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन का क्या हुआ? तुम जैसे चौकीदारों के रहते किसने चोरी कर लिया इनका हक़? ?”

एक ट्विटर यूजर लिखता है, “डिलीट मत करना अब इसे चौकीदार संबित ये चूल्हे पर खाना बना रही है अभी भी. उज्जवला योजना भी फेल है मतलब, सिर्फ नौटंकी सीखी है तुमने.


यश नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैं, “जिस उज्वला योजना की मोदी बड़ी बड़ी बातें करते है और झूठ फैलाते घूमते रह है हर भाषण और हर जगह उन्ही की पार्टी के नेता संबित पात्रा उसी उज्वला योजना की विफलता का दृश्य दिखते हुए.


सोनाली झा नाम की एक ट्विटर यूजर कहती हैं, “मां चूल्हे पे खाना बना रही है नालायक बेटे ये नहीं तुझे दिख रहा, उज्जवला योजना के तहत मां को चूल्हा ही दिलवा दे.”


अरुण कुमार शुक्ला नाम के ट्विटर यूजर भी सवाल उठा रहे हैं, वे अपने ट्वीट में लिखते हैं, “चौकीदार जी पर उस घर मे लकड़ी से जलने वाला चूल्हा नज़र आ रहा है , उज्ज्वला योजना वाली गैस कही भी नज़र नही आ रही . एक और जुमला.”