रायपुर- अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि- झीरम घाटी नक्सल हमले के ठीक बाद घटना उस समय के गृहमंत्री शिंदे जी से मेरी फोन पर बात हुई थी.मैंने उनसे कहा था कि देश मे जो सर्वोच्च जांच एजेंसी हो उससे इस घटना की जांच करा ली जाए. उन्होंने मुझसे कहा था कि आतंकवादी घटना की जांच के लिए ही एनआईए का गठन किया गया है. इससे बेहतर कुछ नहीं है. यूपीए सरकार के गृहमंत्री ने एनआईए जांच कराए जाने का फैसला लिया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है. ऐसे में आज उस घटना को विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाये जाने की जरूरत क्या है, ये मेरे समझ से परे है.
डॉ. रमन सिंह ने दो दिन पहले सदन में कवासी लखमा के संदर्भ में दिए उस बयान पर स्थिति साफ की, जिसे लेकर सदन में विपक्ष हंगामा मचाता रहा.
इस बयान पर विपक्षी सदस्यों की आपत्ति के बाद मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि- इस मामले को विपक्ष ट्विस्ट कर रहा है. जो पीड़ित परिवार है, उनसे मेरा राजनीतिक संबंध ही नहीं था, बल्कि मेरा निजी संबंध था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि इस तरह की राजनीति होगी इसकी कल्पना नहीं की थी. ऐसी राजनीति हो ऐसी स्थिति में मैं इस सदन का सदस्य नहीं रहना चाहूंगा.
डॉ. रमन सिंह ने सदन की पूर्व में हुई कार्यवाही का ब्यौरा देते हुए कहा कि- उन्मुक्त भाव से चर्चा चल रही थी. इतनी गंभीर चर्चा यदि सदन में होगी तो कोई ठहाके लगाएगा. पीड़ा होती है कोई राजनीति के लिए इस तरह से कर सकता है. मेरे लिए भावनात्मक लगाव जैसा मामला है. हम किस स्थिति में जा रहे है. कभी ये सदन शहीदों के लिए मजाक ना उड़ाए. इस अविश्वास प्रस्ताव में बोलने का मेरा मन खत्म हो गया था. हम मिशन लेकर राजनीति में आये है.