दिल्ली. नीति आयोग ने समग्र जल प्रबंधन सूचकांक आज जारी किया. जिसमें छत्तीसगढ़ 9 वें स्थान पर है. जबकि गुजरात अव्वल राज्य के रूप में उभरा है. उसके बाद क्रमश: मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र का स्थान है.

जल प्रबंधन की रैंकिंग के लिए छत्तीसगढ़ को 100 में से 46 अंक प्राप्त हुए है. वहीं गुजरात 76, मध्यप्रदेश 69, आंध्रप्रदेश 68, त्रिपुरा 59 और कर्नाटक 56 अंक प्राप्त हुए है.

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग, पोत परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा जारी इस रिपोर्ट में पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा 2016-17 में पहले स्थान पर रहा. उसके बाद क्रमश: हिमाचल प्रदेश, सिक्कम, असम, नागालैंड, उत्तराखंड और मेघालय का स्थान है.

नीति आयोग ने समग्र जल प्रबंधन के पहले सूचकांक के आधार पर राज्यों की सूची तैयार की है. यह सूचकांक 9 व्यापक क्षेत्रों में भूमिगत, जल निकायों के स्तर में सुधार, सिंचाई, कृषि गतिविधियां, पेय जल, नीति एवं संचालन व्यवस्था समेत कुल 28 विभिन्न संकेतकों के आधार पर तैयार किया गया है. इसमें जल की स्थिति के आधार पर राज्यों को दो विशेष समूह पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्य एवं अन्य राज्य में बांटा गया है.

रिपोर्ट के अनुसार जल प्रबंधन के मामले में झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब है. वर्ष 2015-16 के मुकाबले सुधार के मामले में सामान्य राज्यों में राजस्थान पहले स्थान पर रहा जबकि पूवोत्तर और हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा पहले स्थान पर है.

नीति आयोग ने भविष्य में सालाना आधार पर रैंकिंग जारी करने का प्रस्ताव किया है. आधिकारिक बयान के अनुसार यह सूचकांक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के जल संसाधन के प्रभावी प्रबंधन के आकलन एवं सुधार का एक महत्वपूर्ण जरिया होगा. इसे जल संसाधन मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ तैयार किया गया है. यह सूचकांक राज्यों एवं संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों :विभागों को जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन के लिये उपयुक्त रणनीति बनाने एवं क्रियान्वयन के लिये उपयोगी सूचना उपलब्ध कराएगा.