ज्ञान खरे पामगढ़, जांजगीर-चांपा. सरकारी नौकरी, घर और गाड़ी होने के बावजूद इच्छा पूरी नहीं हुई. जल्दी बड़ा आदमी बनने के फिराक में नकली नोट छापना शुरू कर दिया. ये पूरा मामला जांजगीर-चांपा जिले का है, जिसे कंचन, कांसा और कोसा के नाम से जाना जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से इस जिले में नकली नोट छापने के कई मामले समाने आ चुके हैं. आज फिर जिले में नकली नोट छापने के आरोप में दो सरकारी कर्मचारी पकड़ा गया. दोनों आरोपी को पामगढ़ पुलिस ने 500, 200 और 50रु के नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया है.

एसपी ने खुलासा करते हुए बताया कि एक एडीजे कोर्ट का कर्मचारी है तो दूसरा स्वास्थ्य विभाग में वार्ड ब्वाय के रूप में कार्यरत है. सरकारी कर्मचारी होने और बेहतर जीवनयापन का साधन होने के बावजूद इन दोनों ने आसान तरीके से बड़ा आदमी बनने की चाहत पाली और नकली नोट छापने के धंधे में संलिप्त हो गए और उसे खपाने की फिराक में पकड़े गए.

दोनों ने पुलिस को बताया कि यू-ट्यूब से नकली नोट छापने का आसान तरीका सीखा और घर पर ही लेपटॉप और प्रिंटर की मदद से नोट छापने लगे. मगर अपराध कहां छुपता है. पुलिस ने पहले तहसील कार्यालय पामगढ़ के पास नोट खपाने की फिराक में घूम रहे एडीजे कोर्ट के कर्मचारी धनीराम को नकली नोट के साथ पकड़ा. फिर उसकी निशानदेही पर घेराबंदी कर संजय देवांगन को गिरफ्तार किया. वहीं एक अन्य आरोपी ऋषि देवांगन की तलाश की जा रही है, जो कि प्रिंटिंग का उस्ताद बताया जा रहा है. दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.