रायपुर।नक्सलवाद को लेकर सरकार के खिलाफ बस्तर के विधायकों का गुस्सा आज विधानसभा में फूट पड़ा। चर्चा के दौरान सुकमा विधायक कवासी लकमा और महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा ने सरकार की नियत पर सवाल खड़े कर दिए। 

कवासी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार है लेकिन बस्तर में सरकार नाम की कोई चीज नही है. उन्होंने कहा – ‘मैंने पहली बार देखा कि नक्सल घटना में हजारों लोगों की मौत हो गई। इतनी  मौतों पर श्रंद्धाजलि देने वाले डॉ रमन सिंह पहले मुख्यमंत्री होंगे। ट्रेन हादसा होता है तो हमारे नेता इस्तीफा दे देते हैं इतने लोगों की मौत हो गई मुख्यमंत्री इस्तीफा क्यों नही देते”. 

कवासी ने आदिवासियों को बार बार गृह मंत्री बनाये जाने पर भी सवाल उठाए।उन्होंने कहा , “जब तक डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री है प्रदेश में नक्सलवाद खत्म नही होगा”. 

लखमा ने कहा, “आदिवासी मरता है, आदिवासी युवती से बलात्कार होता है तो इन लोगों को खुशी होती है.  कवासी लखमा ने कहा- मैं भी पढ़ा लिखा होता तो कलेक्टर एसपी बनता. मैं नही पढ़ सका. स्कूल नही गया लेकिन सोचा था कि आने वाली पीढ़ी को पढ़ाना है इसलिए आश्रम खोलवाया था. लेकिन सलवा जुडूम के नाम पर सरकार ने स्कूल बाजार सब बंद करवा दिए।

कवासी ने कहा, “क्या आदिवासियों को खत्म करने से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा? नही बल्कि इससे और नक्सली पैदा होंगे। बच्चे बड़े होकर पूछेंगे कि मेरे पिता को क्यों मारा” 

हम आपको याद दिला दें कि कवासी उसी सुकमा के कोंटा सीट से विधायक हैं जहां ये घटना घटी। 2012 के सुकमा अटैक में महेंद्र कर्मा मारे गए थे जबकि कवासी ने किसी तरह अपनी जान बचाई थी।

 कवासी के बाद देवती कर्मा बीबी सरकार पर खूब बरसीं। उन्होंने कहा ” सरकार नही चाहती नक्सल खत्म हो। बस्तर के जवानों को पढ़ाने की बात करते वही बच्चे नक्सल बन रहे। कांग्रेसी को नक्सल बता रहे कांग्रेसी नक्सल होते तो इतने कांग्रेसी मरते। कोने कोने में बस्तर के कांग्रेसी मर रहे। ये सरकार उनको मार रही”. इन दोनों ने अपने भाषणों में सरकार की नीयत और दावो पर सवाल खड़े कर दिए.