रायपुर- बीजेपी के वरिष्ठ सांसद रमेश बैस की घुड़की से आज बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता एक-दूसरे का मुंह ताकते रह गए. दरअसल युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ में सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण नहीं दिए जाने के मामले में बीजेपी-कांग्रेस के सांसदों, विधायकों से समर्थन जुटाने के अभियान के तहत बैस के पास पहुंचे थे. बीजेपी युवा मोर्चा राज्य में आरक्षण लागू नहीं किए जाने को लेकर आंदोलनरत है. मोर्चा ने इसी कड़ी में समर्थन जुटाने की मुहिम शुरू की है, लेकिन सांसद रमेश बैस के टिप्पणी से कार्यकर्ता सकते में आ गए, हालांकि बाद में बैस ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी भी लिखी है.
समर्थन जुटाने पहुंचे युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को बैस ने फटकार भरे लहजे में कहा कि –
यह कैसा कार्यक्रम है? किसने ऐसा कार्यक्रम बनाया है? जब लोकसभा-राज्यसभा में बीजेपी, कांग्रेस जैसे तमाम राजनीतिक दलों ने समर्थन देकर संविधान संशोधन पारित कराया है, तो फिर किस बात का समर्थन जुटाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में यदि राज्य सरकार इसे लागू नहीं कर रही, तो ऐसी स्थिति में कांग्रेस के सांसद और विधायकों के पास जाकर उनसे समर्थन जुटाना चाहिए.
हालांकि मीडिया से बातचीत के दौरान सांसद रमेश बैस ने कहा कि बीजेपी शुरू से ही आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करती रही है. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने आर्थिक आधार पर पिछड़े हुए सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने का संविधान संशोधन पारित किया है, लेकिन इसे अब तक राज्य में लागू नहीं किया गया. पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि सभी जनप्रतिनिधि चाहे वह किसी भी पार्टी का हो, सबसे समर्थन लिया जाएगा. सरकार पर इस बात को लेकर दबाव बनाया जाएगा कि राज्य के गरीब सवर्णों को भी इसका लाभ दिया जाएगा. बैस से जब यह पूछा गया कि समर्थन जुटाने बीजेपी सांसदों के घर आने की क्या जरूरत है? इस पर उन्होंने कहा कि चैरिटी फर्स्ट फ्राम होम.