रायपुर। छत्तीसगढ़ में जिस तेजी के साथ व्यापार बढ़ा है उसी तेजी के साथ व्यापार के नाम पर अपराध भी बढ़ रहा है. ऐसे में सावधान रहना होगा प्रदेश के उन व्यापारियों को जो अपने ही बिरादरी के व्यापरियों के साथ भरोसा कर कारोबार कर रहे हैं. शायद प्रदेश के व्यापारियों को ये जानकार हैरानी होगी कि उनके ही व्यापार जगत में धोखा करने वाले कुछ ऐसे व्यापारी भी घुम रहे हैं जो लेन-देन के नाम पर लाखों-करोड़ों का चुना लगा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं राजधानी रायपुर के दो व्यापारी अजय और संजय भट्टर की. जिनके ऊपर 65 लाख की धोखाधड़ी का अपराध धरसींवा थाने में दर्ज में है. इस मामले में अजय भट्टर फिलहाल जमानत पर है, जबकि संजय भट्टर की जमानत याचिक खारिज हो गई और वो अभी फरार है.
ये है पूरा मामला
मामला 5 अप्रैल 2018 से 25 मई 2018 के बीच का है. किराना सामान के थोक व्यापारी शिवशंकर अग्रवाल ने महाराष्ट्र से अपने फर्म सरोज ट्रेडर्स और मेसर्स मधुसूदन अग्रवाल के लिए महाराष्ट्र और राजस्थान से जीरा व किशमिश की खरीदी की थी जिसका बाजार भाव 65 लाख रुपए के आस-पास का है. व्यापारी ने खरीदे गए इन सामानों को रायपुर के धरसींवा थाना के ग्राम गिरौद स्थित सिद्धी विनायक कोल्ड स्टोरेज में रखवाया था.
व्यापारी शिव शंकर अग्रवाल ने रायपुर में ही शैलेन्द्र अग्रवाल उर्फ बंटी नाम के एक सेल्समेन को नियुक्त कर रखा था जो कि व्यापारियों के यहां जाकर उन्हें सामान का सैंपल दिखाकर आर्डर लेता था. आर्डर मिलने के बाद सामान को संबंधित व्यापारी के यहां भेजा जाता था. आरोपी शैलेन्द्र उर्फ बंटी को पैसे के लेनदेन का अधिकार नहीं था इसकी जानकारी उनसे व्यापारिक रिश्ते रखने वाले सारी व्यापारियों को भी मालूम था.
इसी बीच शिवशंकर ने कोल्ड स्टोरेज के संचालक से फोन पर बात कर वहां रखे माल के ठीक ठाक होने की जानकारी ली तो उन्हें पता चला कि उनके सेल्समेन शैलेन्द्र अग्रवाल ने लगभग डेढ़ महीने में 65 लाख रुपए का जीरा और किशमिश कोल्ड स्टोरेज से अन्य फर्मों को सप्लाई करवाया है. आरोपी सेल्समेन इसके बाद फरार हो गया था. मामले में धरसींवा थाने में इसकी एफआईआर दर्ज कराई गई.
अजय जमानत पर संजय फरार
इस मामले में अजय भट्टर ने अग्रिम जमानत ले ली है. लेकिन पुलिस ने अब अजय पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अजय के खिलाफ कुछ और धारा पुलिस ने जोड़ ली है. पहले अजय के खिलाफ धारा 420, 406 के तहत कार्रवाई की गई थी. लेकिन अब अजय के खिलाफ 420, 406 के साथ 411 और 409 का मामला भी दर्ज कर लिया गया है.
वहीं संजय भट्टर अभी इस मामले में फरार है. संजय ने भी अग्रिम जमानत की चाचिका लगाई थी लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है. संजय के खिलाफ भी धरसींवा थाने में 420, 406, 409, 411 और 201 के तहत अपराध पंजीबद्ध है.
माल अब तक बरामद नहीं, पुलिस को करनी होगी कड़ी कार्रवाई
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि अजय और संजय का राजनीतिक पहुँच होना. राजनीतिक संरक्षण के चलते भी पुलिस सख्ती से दोनों ही आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही है. यही नहीं पुलिस अब तक 65 लाख माल जीरा और किशमीश बरामद नहीं कर पाई है. हलांकि पुलिस ने अब अजय और संजय के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कोर्ट में मामला जाने के बाद पुलिस ने अजय के खिलाफ नए धारा जोड़कर उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी कर ली है. जबकि संजय की तलाशी अभियान पुलिस ने तेज कर दी है. धरसींवा थाना प्रभारी का कहना है कि जल्द ही अजय और संजय को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
व्यापारियो को रहना होगा सचेत
अजय और संजय भट्टर ने जिस तरीके राजनांदगांव के व्यापारी शिवशंकर को अपना शिकार बनाया था उसने व्यापारी जगत में हड़कंप मचा दी है. इस घटना के बाद व्यापारियों को अब ऐसे धोखेबाज व्यापारियों से सचेत रहना होगा. साथ ही चेंबर ऑफ कॉमर्स को भी यह देखना होगा कि उनके व्यापार बिरादरी में कहीं फर्जी लोगों की घुसपैठ तो नहीं हो रही है. जो ऐसे स्वच्छ और साफ-सुथरे व्यापार को गंदा करने में लगे हैं.