धीरज दुबे, कोरबा. कोरबा में एक चिकित्सक बिना किसी पंजीयन के चर्म रोग विशेषज्ञ बन लोगों की न केवल जांच कर रहा है बल्कि उनको दवाईयां भी दे रहा है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई से बच रही है. स्वास्थ्य विभाग के नियमों का माखौल उड़ाते तथाकथित चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. ए. सिद्धीकी ने कोरबा में दो बड़े क्लिनिक खोल लिया है. मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

औद्यौगिक नगरी कोरबा प्रदूषण के मामले में देश के चुनिंदा शहरों में शामिल है. वायू व जल प्रदूषण की वजह से यहां त्वचा रोग संबंधी मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. इसी बात का फायदा डॉ. ए. सिद्दकी ने उठाया है. डॉ. सिद्धिकी ने पहले निहारिका में वीर सावरकर भवन के करीब सिद्धिकी स्कीन क्लिनिक खोला. यहां बकायदा अपने को चर्म रोग विशेषज्ञ बताते ग्लो साइन व प्रचार प्रसार किया गया. यहां पहुंचने वाले मरीजों से परामर्श शुल्क व महंगी दवाईयां लिख मोटी रकम वसूली गई. इसके बाद सिद्धिकी ने कोसाबाड़ी के पास एक अन्य क्लिनिक खोला गया.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी पर यकीन करें तो डॉ. सिद्धिकी के नाम से कोरबा में कोई चर्म रोग विशेषज्ञ ही नहीं है. जिले में केवल एक ही चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. रविन्द्र कुमार अग्रवाल पंजीकृत है. ऐसे में बिना डिग्री व पंजीयन के उपचार करने वाले चिकित्सक से उपचार कराना काफी खतरनाक हो सकता है.

 

डॉ. के पास सामान्य एमबीबीएस की डिग्री

डॉ. ए. सिद्धीकी भले कोरबा में अपने को चर्म रोग विशेषज्ञ बताते त्वचा संबंधित रोगों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ मेडिकल काउसिंल, रायपुर के वेबसाइट पर दर्ज जानकारी पर यदि यकीन करें तो 17 जून 2008 को पंजीकृत हुए कोरबा निवासी डॉ. अफताब अहमद सिद्धीकी की शैक्षणिक योग्यता एमबीबीएस है. जिसका पंजीयन क्रमांक 1674 है.

गलत जानकारी प्रदर्शित किया जाना है अपराध

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की माने तो किसी भी चिकित्सक को अपने दर्ज डिग्री मुताबिक ही जानकारी प्रदर्शित की जानी है व उसी के अनुरूप उपचार किया जाना है. अगर कोई चिकित्सक गलत जानकारी प्रेषित कर मरीजों को गुमराह कर रहा है उपचार में लापरवाही बरतता है तो यह सीधे तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है.

गैरमान्यता प्राप्त डिग्री से उपचार की बात

डॉ. ए. सिद्धिकी द्वारा एमबीबीएस सहित एक अन्य डिग्री डीपीडी (स्कीन) का उल्लेख किया जाता है. जानकारों की माने तो इस डीपीडी जैसी किसी भी डिप्लोमा डिग्री को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में मान्यता प्राप्त नहीं है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल की वेबसाइट में डॉ. सिद्धीकी की डिग्री का कोई उल्लेख नहीं है.

गलत जानकारी देकर उपचार करने पर की जाएगी कार्रवाई

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. पीएस सिसोदिया ने बताया कि जिले में नर्सिग होम एक्ट के तहत केवल एक ही चिकित्सक डॉ. रविन्द्र कुमार अग्रवाल चर्म रोग विशेषज्ञ के तौर पर पंजीकृत है. अन्य कोई चिकित्सक कोरबा जिले में चर्म रोग विशेषज्ञ के तौर पर पंजीकृत नहीं है. अगर गलत जानकारी देकर किसी चिकित्सक द्वारा उपचार किया जा रहा है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.