रायपुर- दुर्ग जिला सहकारी बैंक के सीईओ को हाल ही में 27 हजार रूपए रिश्वत लेते रंगों हाथों पकड़ा गया था. उम्मीद थी कि किसी साफ सुथरी छवि के अफसर को इस बैंक का सीईओ बनाया जाएगा, लेकिन खबर है कि सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल के निर्देश पर अपेक्स बैंक के जिस अधिकारी एस के जोशी को सीईओ बनाया गया है, उनके दामन पर अनगिनत दाग हैं. जोशी पर आऱोप है कि मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव के जिला सहकारी बैंक में सीईओ रहते हुए आऱबीआई के नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए 8 अपात्र लोगों को नौकरी देने के गंभीर आरोप लगे. कांग्रेस ने जोशी के खिलाफ अभियान चलाया, तो आनन-फानन में हटाया गया था. बताया जा रहा है कि जोशी के खिलाफ हुई जांच में उन्हें दोषी मानते हुए उनका दो इंक्रीमेंट रोका गया.
इतना ही नहीं एस के जोशी जब दुर्ग बैंक में सीईओ थे, तब भी संचालक मंडल से विवादों के चलते वे चर्चा में बने रहे. गोपनीयता भंग करते हुए कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने के भी गंभीर आऱोप लगाए गए हैं, जिसकी उच्च स्तरीय जांच अभी भी लटकी हुई है. सवाल यह भी है कि सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल ने दागी अधिकारी को अपने जिले में पदस्थ करके क्या संदेश देना चाहते हैं ? सवाल इस बात का भी है कि सहकारी संस्थाओं की बदहाली में सबसे अहम भूमिका ऐसे अफसरों की रही हैं, तो ऐसे में ताजपोशी किस इरादे से की जा रही है ? मोदी सरकार जहां दागी अफसरों को रवाना कर रही है, वहां उन्हीं की भाजपा शासित राज्य छत्तीसगढ़ में दागी अफसरों को महत्वपूर्ण जगहों पर बैठाने से सरकार की मंशा पर ऊँगली उठना लाजिमी है.
एस के जोशी की नियुक्ति के मामले में सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल से भी लल्लूराम डाॅट काॅम ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका पक्ष नहीं आ पाया.