रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज से आय पर चर्चा की शुरुआत की है. जिसके लिए उनकी पहली चर्चा रिंग रोड स्थित वालफोर्ट सिटी के पीछे स्थिति बीएसयूपी कॉलोनी में हुई .भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मिनिमम इनकम गाउंटी की बात छत्तीसगढ़ में कई थी. जिसके बाद लोग सवाल उठाते हैं कि पैसा कहां से आएगा. बात सिर्फ 72 हजार की नहीं है. सभी को न्याय मिले और उनको ज़मीन का मालिकाना हक मिले. आज फिर से शहरी क्षेत्रों में ज़मीन देने की योजना को लागू करने की जरूरत है.

भूपेश बघेल ने आय पर चर्चा करते हुए कहा कि यूपीए की सरकार के समय मनरेगा और दूसरे कार्यक्रम के ज़रिए 14 करोड़ के ऊपर लाया गया. न्याय योजना के तहत सबसे ज्यादा लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा, छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत गरीब रहते हैं. 2021 में जनगणना होगी जिसमें नए आकड़ें आएंगे, फिर 2011 में जो छूट गए थे उन्हें शामिल कर लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आपको नहीं मालूम की बड़े लोगों के कितने पैसे और टैक्स माफ कर दिए गए. पिछली राज्य सरकार ने तीन उद्योगपतियों के 1600 करोड़ माफ कर दिए थे. जब हम कंप्यूटर लेकर आये तो अटल बैलगाड़ी लेकर संसद चले गए. ये हर योजना का विरोध करते है. 72 हज़ार के चलते कोई योजना बंद नहीं होगा.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही दो महीने की सरकार ने बिजली बिल हाफ और कर्ज़ माफ कर दिया. उन्होंने चर्चा के दौरान लोगों के सवालों का जबाव देते हुए कहा कि चावल बंद नहीं होगा. 35 किलो चावल के लिए नया कार्ड बनेगा. अगर किसी परिवार में 10 सदस्य होंगे तो उन्हें 70 किलो चावल मिलेगा. आचार संहिता खत्म हो जाए फिर यह लागू हो जाएगा.

गौरतलब है कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय पर चर्चा की थी. जिसमें जगह-जगह मोदी अपनी 3डी इमेज से चाय की चुस्कियों के बीच लोगों से संवाद करते थे. जिसका उनकी जीत में बड़ा योगदान माना जाता है. इसी तर्ज पर भूपेश बघेल आय पर चर्चा कर रहे हैं. इस आयोजन के ज़रिये भूपेश कांग्रेस की सबसे महत्वाकांक्षी योजना न्याय की जानकारी देकर वोटरों को साधने का प्रयास कर रहे हैं. बता दें कि कांग्रेस की सबसे महत्वाकांक्षी ‘न्याय योजना’ है. जिसका अपने घोषणा पत्र में वादा किया है.