अंकुर तिवारी, सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के किस्टाराम थाना इलाके में दो दिन पहले तुमीरपाड़-गट्टापाड़ के जंगलों में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में माओवादियों के बटालियन वन का एक माओवादी घायल हो गया था। पुलिस की गोली लगने से घायल माओवादी को बचाने के लिए नक्सलियों ने उसका ऑपरेशन करने की भी कोशिश की, लेकिन सीने में गोली लगने से नक्सली मारा गया। सुरक्षा बलों से बचने के लिए माओवादियों ने मृत नक्सली का शव उसके परिजनों को सौप दिया और गांव में सुरक्षा बलों के पहुंचने से पहले ही उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने बताया कि गोलापल्ली थाना क्षेत्र के रामपुरम गांव का रहने वाला मुचाकि हिड़मा साल 2012 से माओवादियों की बटालियन में सदस्य के तौर पर काम कर रहा था। किस्टाराम थाना क्षेत्र के जंगल में दो दिन पूर्व सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में माओवादी के सीने में गोली लगी थी। जिसके बाद नक्सलियों ने उसे बचाने के लिए इलाज कराने की कोशिश की। गंभीर रूप से जख्मी होने के कारण इलाज के दौरान ही नक्सली ने दम तोड़ दिया।

पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि शनिवार शाम को मासा नाम का एक नक्सली अपने साथी का शव ट्रैक्टर में लेकर गांव पहुंचा और मृत नक्सली के घरवालों को जल्द ही अंतिम संस्कार कर देने के लिए कहा गया। माओवादियों ने घरवालों को बताया कि तुमीरपाड़ में गोली लगने से उसकी मौत हो गई है।

नक्सलियों के कहने पर ही आज सुबह सात बजे ग्रामीणों ने मुचाकि हिड़मा का अंतिम संस्कार करना शुरु कर दिया था। पुलिस के पहुंचने से पहले ही उसकी लाश जलकर खाक हो गई थी। पुलिस ने रामपुरम गांव से हिड़मा के अंतिम संस्कार की तस्वीरें ली है।

पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा का दावा है कि सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में माओवादियों को तगड़ा झटका लगा है। इस मुठभेड़ में कुछ और नक्सलियों के मारे जाने की सूचना पुलिस को मिली है। कुछ नक्सली घायल हुए है और अपना इलाज कराने के लिए जंगलों में भटक रहें है। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की तलाश तेज कर दी है। वहीं, पूर्व नक्सलियों द्वारा मारे गए हिड़मा के बारे में और जानकारी जुटाने की कोशिश जारी है।