छ्त्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले स्थित वन क्षेत्र में हाथियों का तांडव लगातार जारी है. बुधवार सुबह फिर एक अधेड़ महिला को हाथियों ने अपना शिकार बना डाला. कोटेया गांव की 65 वर्षीय रामदेईया महुआ बीनने जंगल गई थी, जहां हाथियों ने उसे कुचल कर मार डाला.

इससे पहले बीते मंगलवार भी प्रतापपुर वन क्षेत्र के कोटेया जंगल में महुआ बीनने गई 65 वर्षीय गनपत बाई को हाथियों ने पैरों से रौंदकर मार डाला था. बीतेे 8 दिनों में चार लोगों को हाथियों ने पैरों से कुचल कर मौत के घाट उतार दिया है लेकिन वन विभाग इस संबंध में पूरी तरह उदासीन है.

ग्रामीणों की मानें तो वन विभाग के अधिकारी किसी भी घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद मौके पर पहुंचते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि महुआ का सीजन है, बावजूद इसके वन विभाग के अधिकारी या कर्मचारी ग्रामीणों को जंगलों में हाथियों के होने की सूचना नहीं देते. यही वजह है कि आए दिन ग्रामीण जंगलों में महुआ लाने तो जाते हैं, लेकिन लौटकर वापस नहीं आ पाते.

इस संदर्भ में बगड़ा वन समिति के अध्यक्ष राम तिवारी ने कहा कि उन्होंने वन विभाग के एक कर्मचारी को फोन भी लगाया था, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. ऐसे में हाथियों के उत्पात से जहां पूरे प्रतापपुर क्षेत्र के लोग दहशत में हैं, वहीं वन विभाग के सुस्त रवैये से क्षेत्रवासियों में खासा आक्रोश भी व्याप्त है.