रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित सेंट टेरेसा जमीन घोटाले में अब एक नया मोड़ आ गया है। इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने शासन के पक्ष में स्थगन आदेश पारित किया है। यह आदेश प्रशासन के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

क्या है मामला

साल 2021 में भूमि घोटाले का प्रकरण दर्ज किया था। जिसमें समान धाराओं में चार लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया था। इसके साथ ही भूमि पर प्लाट क्रय-विक्रय करने वाले सौदे से जुड़े करीब 27 लोगों को आरोपी बनाया गया था। मामले में एक संस्था से जुड़े लोग भी शामिल थे। जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई और जेल भी भेजा गया। मामले में महिलाएं भी शामिल थी। मामले में आज तक दो लोगों की गिरफ्तारी आज तक नहीं हो पाई है। जो आज भी फरार हैं।

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वहीं मामले में 11 सितंबर 2024 को इंदौर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आयुषी जैन और सरिता जैन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन के विरुद्ध आदेश पारित किया था। जिसमें शासन के पक्ष में कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के विशेष प्रयासों से डबल बेंच में प्रशासन के द्वारा अपील की गई थी। इसमें 15 मार्च 2021 को धार कलेक्टर द्वारा जारी आदेश को निरस्त कर दिया गया था। साथ ही याचिकाकर्ताओं और अन्य के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाई को शून्य और अमान्य घोषित किया गया था। माननीय डबल बेंच हाई कोर्ट के द्वारा उस रीट अपील में स्थगन आदेश पारित किया है। सेंट टेरेसा केस में निश्चित तौर पर यह स्थगन आदेश सफलता की ओर पहला कदम है।

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एसडीम रोशनी पाटीदार ने कहा कि, मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला सेंट टेरेसा जमीन घोटाले में हाईकोर्ट की डबल बेंच द्वारा शासन के पक्ष में पारित स्थगन आदेश इस मामले में सफलता की दिशा में पहला कदम है।

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