पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. पंडित श्याम शंकर कॉलेज के छात्रों ने परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. पूरक परीक्षा दिलाने वाले 14 छात्रों को जीरो नंबर दिया गया है. विश्वविद्यालय की मनमानी के शिकार छात्र का भविष्य अधर में लटका हुआ है. कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपकर छात्रों ने दोबारा जांच कर परिणाम घोषित करने की मांग की है.

बता दें कि, पं श्यामशंकर मिश्र कॉलेज देवभोग में वर्ष 2023 के परीक्षा में बीए अंतिम वर्ष के विषय अंग्रेजी साहित्य के द्वितीय पेपर में कम अंक लाने वाले 13 छात्र और द्वितीय वर्ष में इसी विषय के एक छात्र फेल हो गए थे. जिसके बाद छात्रों ने पूरक परीक्षा में दोबारा भाग लिया. लेकिन दिसंबर में आए परिणाम छात्रों के लिए चौकाने वाले थे. पूरक परीक्षा दिलाने वाले सभी 14 छात्रों के 0 अंक दिया गया.

हैरानी इसलिए हुई क्योंकि सभी छात्र पहले 5 से 10 अंक के लिए फेल हुए थे. परिणाम के बाद छात्रों ने महाविद्यालय में लिखित ज्ञापन दिया. प्रतिनिधि मंडल भी अपना पक्ष रखने पहुंचा, लेकिन विश्विद्यालय द्वारा किसी भी प्रकार से कोई पहल नहीं किया गया. अगले कक्षा के परीक्षा फार्म 20 जनवरी तक भरा जाना है. विश्विद्यालय के मनमानी के शिकार छात्र का भविष्य अधर में लटका हुआ है. दो दिन पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्रों के मदद के लिए सामने आया है. परिषद ने कुलपति के नाम महाविद्यालय में ज्ञापन सौंप पर्चा की पुनः जांच कर परिणाम बनाने की मांग किया है.

छात्रों की मानसिक दशा पर पड़ा प्रभाव

महाविद्यालय में अंग्रेजी का विषय खोले 5 साल से ज्यादा हो गया, लेकिन इस विषय के नियमित प्रोफेसर नहीं है. छात्र अपने मेहनत से दिन रात पढ़ाई करते रहे, लेकिन परिणाम में हुई गड़बड़ी ने छात्रों के मनोबल को तोड़ा है. परिणाम को लेकर रोजाना छात्र कॉलेज का चक्कर लगा रहे हैं. मामले को लेकर विश्वविद्यालय कॉलेज को जिम्मेदार बता रहा तो कॉलेज विश्वविद्यालय पर मसला थोप रहा. दोनों संस्थान का छात्र चक्कर लगा रहे. निराश छात्रों की मानसिक दशा पर इस परिणाम का बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ज्ञापन सौंपने वाले एबीवीपी के पदाधिकारी रंजन यादव, विवेकानंद, टकेश्वर, पियूष शर्मा, आकाश सोनी ने कहा कि, समय रहते छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो महाविद्यालय में तालाबंदी कर प्रदर्शन करेंगे.

तकनीकी त्रुटि की संभावना

महाविद्यालय प्राचार्य टीएस सोनवानी ने कहा कि, परिणाम सीट में उल्लेख 000 को देख कर तकनीकी त्रुटि की आशंका लग रही है. क्योंकि ऐसा परिणाम पहली बार देखने को मिला है. परिणाम के बाद से लगातार विश्विद्यालय के साथ पत्राचार किया जा रहा है. समय से पहले सही परिणाम लाने हर संभव कोशिश किया जा रहा है.

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