बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 1.25 करोड़ रुपये की घोटाले के आरोपी क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय कुमार ओझा को जमानत मिल गई है. उन्हें सोमवार को गिरफ्तार किया गया था. पिता की रिहाई के बाद नमन ओझा ने कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है. उसके पिता ने ही मामले की शिकायत की थी. लेकिन पुलिस ने उसे आरोपी बना दिया.
जमानत मिलने के बाद नमन ओझा अपने पिता के साथ बैतूल पहुंचे, जहां नमन के मुताबिक उनके पिता को पुलिस ने ग़लत तरीके से फंसाया है. इस मामले में वो शुरू से खुद ही शिकायतकर्ता थे. नमन के मुताबिक उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पिता को जमानत मिलेगी. विनय ओझा के वकील ने इस मामले में उन्हें व्हिसल ब्लोअर बताया है. दस्तावेजों के आधार पर विनय ओझा ने सबसे पहले गबन की शिकायत दर्ज कराई थी. पत्रकार वार्ता के बाद पिता पुत्र भोपाल चले गए.
बता दें कि बैतूल जिले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 1.25 करोड़ रुपये के गबन के मामले में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. गबन कांड का खुलासा होने के बाद 2014 में बैंक प्रबंधक अभिषेक रत्नम, सहायक प्रबंधक विनय कुमार ओझा, लेखाकार नीलेश छत्रोले, दीनानाथ राठौर और अन्य पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
मुलताई थाने में आईटी एक्ट की धारा बी, 34 और धारा 65, 66 के तहत मामला दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि कर्मचारियों ने गबन की राशि को आपस में बांट लिया था. इस मामले में 10 आरोपी थे. छह को पहले गिरफ्तार किया गया था. एक की मौत हो गई है, जबकि दो लोगों के नाम आरोपियों की सूची से हटा दिए गए हैं. विनय कुमार ओझा पिछले आठ साल से फरार थे.
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