ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले अली खान महमूदाबाद को 2 मामलों में से 1 में राहत मिल गई है. एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज 1 केस में से क्लोजर रिपोर्ट लगाई है. दूसरे मे चार्जशीट दाखिल की गई है.

थोड़ी देर चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने एक केस को बंद करने का आदेश दिया. वहीं दूसरे केस के बारे में कहा कि फिलहाल निचली अदालत उसकी कार्यवाही को स्थगित रखे. महमूदाबाद के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दोनों मामलों को समान बताते हुए राहत की मांग की. साथ ही इस बात पर भी ऐतराज जताया कि चार्जशीट में बीएनएस की धारा 152 (देशद्रोह) लगाई गई है. सिब्बल ने कहा कि इस धारा की वैधता का मसला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

हरियाणा पुलिस ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर 2 केस दर्ज किए हैं. इस साल 18 मई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 21 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी. जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच हरियाणा के 3 आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी को सौंपी. 16 जुलाई को कोर्ट ने एसआईटी से 4 सप्ताह में जांच पूरी करने को कहा था.

क्या है पूरा मामला ?

अली खान महमूदाबाद हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोक यूनिवर्सिटी में असोसिएट पद पर कार्यरत हैं। उन्हें यूनिवर्सिटी ने अपने राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख का दायित्व दिया हुआ है। 42 वर्षीय अली खान ने पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर ऐसी टिप्पणी की जो उनके पद और रुतबे के मुताबिक तो बिल्कुल नहीं है। उन्होंने 8 मई को अपने सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट किए। इनमें उन्होंने लिखा कि हिंदुत्व के झंडाबरदारों को कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा करनी पड़ रही है जो एक मुस्लिम महिला है।

गिरफ्तार हुए अशोक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर

हरियाणा राज्य महिला आयोग ने प्रोफेसर के इस नफरती बयान का स्वतः संज्ञान लिया। आयोग ने कहा कि प्रोफेसर ने एक महिला की मर्यादा को तार-तार किया और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की। आयोग ने अली खान को समन भेजा। दूसरे दिन पुलिस ने उन्हें हरियाणा बीजेपी के युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी की शिकायत पर हिरासत में लिया। पुलिस ने विद्रोह के लिए उकसाने, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप में अली खान महमूदाबाद पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

बयान को गलत समझा गया: अली खान

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा पुलिस ने अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। वहीं, अशोक यूनिवर्सिटी ने अपने बयान में कहा है कि वह अभी कानूनी प्रक्रियाओं का जायजा ले रही है और पुलिस को जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। अब कानून की पकड़ में आने के बाद अली खान का कहना है कि उनकी टिप्पणी को सही संदर्भ में नहीं लिया गया है। महिला आयोग से समन मिलने पर उन्होंने कहा था कि यह किसी की आवाज बंद करने और प्रताड़ना का नया स्वरूप है।

चांदी के चम्मच के साथ पैदा हुए अली खान

अली खान महमूदाबाद 2 दिसंबर, 1982 को मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए थे। उनके पिता आमिर मोहम्मद खान ने एनमी प्रॉपर्टी एक्ट में जब्त की गई संपत्तियों को छुड़वाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। अली खान के दादा आमिर अहमद खान महमुदाबाद के आखिरी राजा थे जो भारत विभाजन से पहले मुस्लिम लीग का बेहत प्रमुख चेहरा हुआ करते थे।

विदेशों में पढ़ाई, फिर भी…

अली खान ने लखनऊ के ला मेर्टिनिएर (La Martiniere) से शुरुआती शिक्षा हासिल की, फिर वो यूके के किंग्स कॉलेज स्कूल और विंस्टर कॉलेज चले गए। उन्होंने कैंब्रिज से हिस्टॉरिकल स्टडीज में एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की जबकि सीरिया की दमिश्क यूनिवर्सिटी से अरबी भाषा पढ़ी। उन्होंने सीरिया, ईरान और इराक की यात्रा की और मध्य पूर्व के हालात पर खूब लिखा। उनका लिखा हुआ नैशनल ज्योग्रफिक पर भी प्रकाशित हुआ है। अली खान ने 2017 में समाजवादी पार्टी जॉइन की थी। अली खान का निकाह जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री हसीब द्राबू की बेटी के साथ हुआ है।

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