रायपुर– प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा नेताशिवरतन शर्मा के बयान पर पलटवार किया है. त्रिवेदी ने कहा कि शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का झूठा आरोप लगाया है. वादाखिलाफी तो भाजपा ने लगातार छत्तीसगढ़ और देश में मतदाताओं के साथ की है. 2003, 2008 और 2013 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने संकल्प पत्र और घोषणा पत्र के द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता के साथ धोखाधड़ी ही तो की थी. किसानों को शिवरतन शर्मा बताए कि 2100 रु समर्थन मूल्य 5 साल तक 300 रु बोनस एक-एक दाना धान की खरीद का क्या हुआ था? भाजपा से 5 हॉर्स पावर पंप के मुफ्त बिजली कनेक्शन का हिसाब किसानों को भाजपा को देना चाहिये था.
हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय और सर आदिवासी परिवार से एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी का क्या हुआ. यह भी छत्तीसगढ़ के मतदाता और खासकर बस्तर के लोगों को शिवरतन शर्मा को बताना चाहिये था. बेरोजगारी भत्ता के मसले पर नौजवानों, सरकारी कर्मचारियों और छोटे छोटे लघु कर्मचारियों पर भाजपा के घोषणा पत्रों में की गई वादाखिलाफी से पूरे प्रदेश में भाजपा से नाराज है.
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवरतन शर्मा काम करने वाली कांग्रेस सरकार पर मिथ्या आरोप लगाते हुये बड़ी-बड़ी बात न करें. वादाखिलाफी तो भाजपा की सरकारों की फितरत है. भाजपा केंद्र सरकार ने भी तो अच्छे दिन आयेंगे का वादा किया था लेकिन दिन नहीं आयें, विदेशों से कालाधान नही आया-एक पैसा नहीं आया. हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख नहीं आये. जीरो टालरेंस अगेन्स्ट करप्शन भी झूठा वादा साबित हुआ. मजबूत लोकपाल भी नहीं आया. हर साल दो करोड़ युवाओं का रोजगार नहीं मिला लेकिन जीएसटी नोटबंदी से करोड़ो का रोजगार छिन गया. 5 वर्षो में 10 करोड़ लागो को रोजगार नहीं मिला.
महिला आरक्षण बिल भी पारित नहीं कराया जा सका. वन रैंक वन पेंशन भी झूठा वादा निकला. महंगाई पर लगाम लगाने में मोदी सरकार विफल रही. स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू का फसल की लागत पर 50 प्रतिशत दे पाने में मोदी सरकार विफल रही. केंद्र सरकार के कृषि एवं लागत मूल्य आयोग की रिपोर्ट में धान की लागत 1484 रूपये प्रति क्विंटल दर्शाया गया उसके बाद डीजल के दाम 14-15 रूपयों की एवं खाद की कीमतें 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इन सबको देखते हुये किये गये वादों अनुरूप मोदी जी को 2500 रूपये एमएसपी की घोषणा करनी थी जो नहीं की गयी. मात्र 1750 रूपये की गयी. कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ राज्य 2500 रूपये में किसानों द्वारा उत्पादित धान की खरीदी की गई है.