Bihar School News: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बिहार राज्य सबसे पीछे चल रहा है। इसका असर यह है कि अब राज्य के 10 डिग्री कॉलेजों की मान्यता रद्द करना पड़ा है। दरअसल राज्य का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) महज 17.1 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 28.4 प्रतिशत से काफी कम है।
शिक्षा विभाग की जांच में यह सामने आया है कि इस खराब प्रदर्शन के पीछे कई उच्च शिक्षण संस्थानों का अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) में शामिल न होना एक बड़ी वजह है। विभाग ने ऐसे 44 शिक्षण संस्थानों की पहचान की है, जिन पर अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
रद्द होगी 10 डिग्री कॉलेजों की मान्यता
शिक्षा विभाग के अनुसार, AISHE सर्वे में शामिल नहीं होने वाले संस्थानों में 10 संबद्ध डिग्री कॉलेज, 32 नर्सिंग कॉलेज और 2 फार्मेसी संस्थान शामिल हैं। सर्वे में भाग न लेने के कारण इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों का डाटा तक नहीं दर्ज हो सका है, जिससे राज्य का जीईआर प्रभावित हुआ। सर्वे में शामिल नहीं होने वाले 10 डिग्री कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का फैसला लिया गया है।
पड़ोसी राज्यों से पीछे हुआ बिहार
विभाग का कहना है कि सर्वे में शामिल न होने की वजह से बिहार का उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात न केवल राष्ट्रीय औसत से कम है, बल्कि इस मामले में वह अपने पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और झारखंड से भी पीछे चला गया है। मौजदूा स्थिति में स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले 100 छात्रों में से केवल 17 ही उच्च शिक्षा में नामांकन ले पा रहे हैं।
लापरवाही बरतने वाले संस्थानों पर कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने 2024-25 के AISHE सर्वे में राज्य के सभी सरकारी और निजी 39 विश्वविद्यालयों से जुड़े करीब एक हजार से अधिक शिक्षण संस्थानों को शामिल होने का निर्देश दिया था, लेकिन इसके बावजूद कुछ संस्थान सर्वे में शामिल नहीं हुए। 32 नर्सिंग और 2 फार्मेसी संस्थानों पर कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग जल्द ही स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजेगा।
हर साल सर्वेक्षण करता है शिक्षा मंत्रालय
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय वर्ष 2011 से हर साल उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण कराता आ रहा है। यह एक वेब आधारित वार्षिक सर्वे है। जिसमें डाटा पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से एकत्र किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि इस साल बिहार के 1,341 उच्च शिक्षण संस्थानों में से 1,331 संस्थानों ने सर्वे में भाग लिया है। वहीं, राज्य के 218 नर्सिंग कॉलेजों में से 186 ने अपना डाटा अपलोड किया। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में शिक्षण संस्थानों ने सर्वे में भागीदारी की है।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. एनके अग्रवाल ने बताया कि सभी 39 सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों को सर्वे में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे। समय सीमा समाप्त होने के बाद भी 40 से अधिक संस्थान सर्वे में शामिल नहीं हुए, ऐसे में अब इनके खिलाफ कार्रवाई तय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 10 संबद्ध डिग्री कॉलेजों की मान्यता रद्द की जाएगी।
ये भी पढ़ें- बिहार में बड़ा रेल हादसा: ट्रेन की 19 बोगियां पटरी से उतरी, 3 डिब्बे नदी में गिरे, मौके पर पहुंचे रेलवे अधिकारी
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें


