अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की जनता को विश्वास दिलाया कि उनकी राजनीतिक सूझबूझ पिता मुलायम सिंह यादव से कम नहीं है. उन्होंने राहुल गांधी के साथ मिलकर यूपी में मोदी की रथयात्रा को रोक दिया.
राहुल गांधी ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में मिली असफलताओं और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बावजूद हार नहीं मानी. उन्होंने दक्षिण से उत्तर तक भारत जोड़ो यात्रा और मणिपुर से मुंबई तक न्याय यात्रा पूरी की. उनके साहस और धैर्य का ही परिणाम था कि इस बार बीजेपी 272 के आंकड़े से काफी पीछे रह गई.
इनके अलावा, ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव, मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, सीताराम येचुरी, जयराम रमेश, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, और पवन खेड़ा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
बीजेपी की ‘खुशफहमी’ की हवा निकाल दी
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDA के लिए 400 पार का लक्ष्य रखा था. लेकिन राहुल गांधी की यात्राओं और विपक्ष की रणनीतियों ने बीजेपी की ‘खुशफहमी’ की हवा निकाल दी. 4 जून को नतीजे आने पर भाजपा खेमे में मायूसी छा गई. हालांकि, बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं और NDA को सरकार बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत मिला. लेकिन तीसरी बार क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछली दो सरकारों की तरह बेफिक्र होकर सरकार चला पाएंगे, यह सवाल उठ रहा है.
‘लड़कों’ ने ‘बड़ों’ पर बाजी मारी
राहुल गांधी और अखिलेश यादव को लोग राजनीति में बच्चा समझते थे, लेकिन उन्होंने अपनी दृढ़ता, लगन और आत्मविश्वास से विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया. वे राजनीति के ‘चाणक्य’ भी मोदी पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहे थे.
PDA का हिंदुत्व पर प्रभाव
मोदी के हिंदुत्व को चुनौती देने के लिए विपक्ष ने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का रोड मैप तैयार किया. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 33 सीटों पर सीमित करना आसान नहीं था, लेकिन राहुल और अखिलेश की जोड़ी ने यह कर दिखाया.
लेफ्ट की विचारधारा की सफलता
सीताराम येचुरी और जयराम रमेश ने राहुल गांधी को INDIA गठबंधन के साथ मजबूती से खड़ा होने में मदद की. राहुल गांधी की यात्राओं और उनके सहज अंदाज ने जनता को आकर्षित किया.
ममता बनर्जी का जज़्बा
ममता बनर्जी ने बंगाल में लेफ्ट फ्रंट को हराकर एकछत्र राज किया है. 2021 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी से टकराव के बाद, ममता ने जय श्रीराम के नारे के खिलाफ चंडी पाठ किया और बीजेपी की हवा निकाल दी.
शरद पवार और उद्धव ठाकरे की ताकत
महाराष्ट्र में NDA को बड़ा झटका लगा. बीजेपी ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की NCP में सेंध लगाई थी. लेकिन उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने INDIA ब्लॉक को मजबूत किया, जिससे लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान हुआ.
मल्लिकार्जुन खरगे का खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस को सांगठनिक स्तर पर मजबूत किया. दलित चेहरा होने के कारण कांग्रेस को दलितों का समर्थन मिला. उन्होंने PDA की अवधारणा को पुख्ता किया.
प्रियंका गांधी का योगदान
राहुल गांधी ने चुनावी जीत में अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा का महत्वपूर्ण योगदान माना. प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस प्रत्याशियों को जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इस तरह, INDIA गठबंधन के इन चेहरों ने मिलकर 2024 के चुनाव में मोदी की रथयात्रा को रोक दिया.
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