पी रंजन दास, बीजापुर। 10 लाख के इनामी नक्सली लालू मोडियम उर्फ समीर ने सपत्नीक बीजापुर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. लालू मोडियम संगठन में 13 सालों से सक्रिय था, और इस दौरान 12 बड़ी वारदारों में उसकी भागीदारी रही थी. आत्मसमर्पण के दौरान डीआईजी कमलोचन कश्यप, एसपी आंजनेय वार्ष्णेय और सीआरपीएफ अधिकारी मौजूद थे.

नक्सलियों के अंतर्राज्यीय कैडर को बड़ा झटका लगा है. झारखंड रीजनल कमेटी के सदस्य और 10 लाख के इनामी लालू मोडियामी ने शनिवार को सपत्नीक बीजापुर पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है. बीजापुर जिले के पेद्दा कोरमा का रहने वाला लालू साल 2009 में गंगालूर एरिया कमेटी में पीएलजीए सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था, इसके बाद 2010 में पदोन्नत हुआ. 2014 में सीसीएम सुधाकर का अंगरक्षक बना. अप्रैल 2015 में संगठन ने उसे बिहार-झारखंड कैडर में गतिविधियों को संचालित करने की जिम्मेदारी दी. इसके बाद 2018 में उसे झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया.

2021 तक संगठन में सक्रिय रहते लालू ने छत्तीसगढ़ समेत बिहार-झारखंड में कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा. उसने संगठन छोड़ने के पीछे प्रेम प्रसंग और ओहदे को लेकर संगठन में भेदभावपूर्ण नीति को जिम्मेदार बताया. आत्मसमर्पण के साथ ही उसे 10,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई, इसके साथ ही अफसरों ने उसे पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात कही है. लालू के समर्पण से पुलिस को छत्तीसगढ़ समेत झारखंड-बिहार में नक्सली नेटवर्क के सम्बंध में अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है.

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