आजकल लोग नेट बैंकिग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना काफी पसंद करते हैं. ऐसे में ऑनलाइन फ्रॉड के कई मामले देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक ठगी के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने 10 हजार लोगों से 50 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले साइबर क्राइम गैंग का पर्दाफाश किया है. इस सिलसिले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के पास से 100 से ज्यादा डेबिट कार्ड, लैपटॉप, 4 लाख रुपये और कार समेत अन्य सामान बरामद किया गया है.

ऐसे करते थे ठगी

बता दें कि, ठगों ने रशियन बेटिंग साइट की तरह एक वेब पेज बनाया गया था, जिसके माध्यम से देश भर में लोगों को रैंडमली लिंक भेजा करते थे. इस लिंक पर गेम के बारे में सूचना दी जाती थी. इसमें हिस्सा लेने के लिए 350 रुपए फीस होती थी. इसमें लोगों को क्रिकेट लीग के साथ कई तरह के गेम खिलाने का दावा किया जाता था.

वेब पेज पर अपनी डिटेल डाल कर लोग 350 रुपये का पेमेंट करते थे. कुछ समय बाद व्हाट्सएप मैसेंजर पर या फिर मैसेज के जरिए आईडी पासवर्ड दिया जाता था. शुरू में यह गैंग लोगों को जीता कर उनकी रकम बढ़वा दिया करते थे. फिर बाद में लालच में आकर लोग हजारों लाखों रुपये का दांव लगाने लगते थे. जालसाजी के काम में शामिल नीरज नाम का शख्स एमबीए है.

गिरफ्तार आरोपियों में अवधेश कुमार, कैलाश, नीरज कुमार के अलावा पांच नेपाली नागरिक दीपेंद्र, प्रदीप, सुशांत, ताराकांत और हरिदेव के नाम शामिल है. गैंग लीडर रंजीत भी नेपाल का नागरिक है और नेपाल में ही बैठकर इस ठगी के गैंग को बड़े ही शातिर तरीके से ऑपरेट करता था.

130 से ज्यादा अकाउंट में रकम ट्रांसफर

गाजियाबाद साइबर पुलिस ने बताया कि इस गैंग के 130 से ज्यादा अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए थे. फर्जी कंपनियों के नाम से इन आरोपियों ने अकाउंट खोलकर रुपए ट्रांसफर किए थे.