नई दिल्ली। दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने करोल बाग स्थित आयुर्वेदिक व यूनानी तिब्बिया कॉलेज में पोर्टेबल इंटीग्रेटेड केयर सेंटर की शुरुआत की है. तिब्बिया कॉलेज एवं अस्पताल में इसके लिए 100 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है. अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन की सहायता से दिल्ली में यह नई शुरूआत की गई है. कॉलेज के शताब्दी समारोह के अवसर पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह केयर सेंटर शुरू किया. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह अस्पताल आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्पताल कोविड -19 जैसी महामारी से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार के दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन और उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस अस्पताल के निर्माण में अपना सहयोग दिया है.
पोर्टेबल इंटीग्रेटेड केयर सेंटर में 82 ऑक्सीजन बेड के साथ-साथ 18 आईसीयू बेड भी शामिल
यहां 100 बिस्तरों वाले पोर्टेबल इंटीग्रेटेड केयर सेंटर में 82 ऑक्सीजन बेड के साथ-साथ 18 आईसीयू बेड भी शामिल हैं. इसके साथ ही इस सेंटर के पास 250 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) का अपना ऑक्सीजन पीएसए प्लांट भी है. इसका उद्देश्य दिल्ली के अस्पतालों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की क्षमता को बढ़ाना है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि भविष्य में कोविड-19 जैसी महामारी से निपटने की तैयारियों को देखते हुए इस अस्पताल की स्थापना की गई है. यह 100 बिस्तरों वाला केंद्र शुरू में कोविड-19 रोगियों के लिए बिस्तर के रूप में काम करने के लिए बनाया गया था. अभी राजधानी में कोविड मामलों की संख्या कम है और इस समय नियंत्रण में है, लेकिन दिल्ली सरकार ने इस केंद्र को संभावित कोरोना के लहर की तैयारियों के मद्देनजर खुला रखने का फैसला लिया है.
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कोरोना की किसी भी लहर के लिए केजरीवाल सरकार तैयार
दिल्ली सरकार किसी भी संभावित कोरोना की लहर से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहती है. यह केंद्र यूनानी तिब्बिया कॉलेज के प्रशासन द्वारा चलाया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी भी संकट के दौरान इसका इस्तेमाल किया जा सके. सभी बेड को ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस किया गया है. इसके अलावा सभी आईसीयू बेड के लिए वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं. नवनिर्मित इंटीग्रेटेड केयर सेंटर आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया कॉलेज एवं अस्पताल के प्रशासन के अधीन होगा, जो व्यवस्था को क्रियाशील बनाने के लिए आवश्यक लोगों की भर्ती करेगा. दिल्ली सरकार समय-समय पर अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञों की भी नियुक्ति करेगी.
रिचर्स सेंटर के तौर पर किया जाएगा उपयोग
आयुष निदेशक डॉ आरके मनचंदा ने कहा कि इस सुविधा का उपयोग आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के सहयोग से आयुर्वेद और यूनानी के एकीकृत रिसर्च के लिए एक अनुसंधान केंद्र के रूप में भी किया जाएगा. इस अस्पताल को बनाने में अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन द्वारा काफी सहयोग मिला है और मास्टरकार्ड, बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स द्वारा भी मदद की गयी है. इस इंटीग्रेटेड केयर सेंटर को बनाने के प्रयासों में सक्रिय भाग लेने वाले अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के कंट्री डायरेक्टर मैथ्यू जोसेफ ने कहा कि भविष्य की आपात स्थितियों के लिए स्थाई राहत और तैयारी सुनिश्चित करने के लिए पोर्टेबल अस्पतालों के तेजी से निर्माण से लोगों को तत्काल राहत मिलेगी.
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