तिरुअनंतपुरम. केरल की राजनीति में हमेशा Iron Lady के नाम से जानी जाने वाली मशहूर के.आर. गौरी अम्मा ने मंगलवार को एक प्राइवेट अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके परिवारजनों ने यह जानकारी दी. 102 वर्षीय गौरी कुछ समय से बीमार चल रही थीं, जिसके चलते उन्हें उम्रजनित बीमारियों के इलाज के लिए भर्ती किया गया था. वे 1957 में दुनिया की पहली लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित कम्युनिस्ट सरकार के मंत्रिमंडल की सदस्य थीं.
Com. K R Gauri was a brave fighter, dedicated her life to end exploitation, build an egalitarian society. She made seminal contributions in building the Communist movement & as an administrator. Let’s show respects, by pledging to build a more progressive society. Red Salute! pic.twitter.com/NYzyv8wyjD
— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) May 11, 2021
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दिवंगत Iron Lady गौरी अम्मा को श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक साहसी योद्धा बताया. ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन शोषण व अत्याचार को खत्म करने व बेहतर समाज की सथापना करने में लगाया.
My heartfelt condolences to the family of K R Gouri Amma ji.
A tall presence in Kerala’s politics, she remains a source of inspiration to many.
Paying homage to her brilliant life journey.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 11, 2021
उनके निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘के आर गौरी अम्मा जी के परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। केरल की राजनीति में एक लंबी उपस्थिति, वह कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं। उनकी शानदार जीवन यात्रा के लिए उन्हें श्रद्धांजलि।’
14 जुलाई 1919 में केरल के अलाप्पुझा जिले के पट्टानक्कड़ में जन्मी गौरी अम्मा ने तिरुवनंतपुरम स्थित गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की थी. केरल की पहली विधानसभा से शुरुआत करने वाली गौरी अम्मा 1977 में हार गई थीं. लेकिन दोबारा अगले चुनाव में जीत कर आई और वर्ष 2006 तक विधायक रहीं. उनकी उपलब्धियों में से एक गरीबों को भूमि सुनिश्चित करने के लिए भूमि सुधार विधेयक है जिसकी शुरुआत उन्होंने की थी. उन्होंने विभिन्न सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया.
उनके लंबे राजनीतिक करियर में 16 सालों तक कम्युनिस्ट व कांग्रेस के 6 कैबिनेट में वे राज्य मंत्री रहीं. उन्हें 1994 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया था और इसने जनाधिपति समृद्धि समिति (JSS) का गठन किया. इसके बाद, गौरी अम्मा यूडीएफ में शामिल हो गईं और यूडीएफ सरकार में मंत्री बन गईं. वह आखिरी बार 2011 में चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं.
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