अमृतांशी जोशी, भोपाल। बीजेपी शासनकाल में परीक्षार्थियों से फीस के नाम पर 10 साल में 1046 करोड़ रुपए वसूले गए। ये दावा कांग्रेस ने किया है। इसपर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की है। कांग्रेस ने डिमांड की है कि शिवराज सरकार श्वेत पत्र लाए कि 18 सालों में कितनी शासकीय नौकरियों में भर्ती की गई है। नौजवानों से नौकरियों के नाम पर करोड़ों रुपए परीक्षा फीस के इकट्ठे किए जाते हैं। फिर बाद में अधिकांश परीक्षाएं रद्द कर दी जाती है। अब बीजेपी सरकार मध्यप्रदेश में 1लाख नौकरियां देने का झूठा झुनझुना चुनाव में नौजवानों की आंखों में धूल झोंकने के लिए पकड़ाया है।
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कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने सिर्फ़ परीक्षा के नाम पर परीक्षा शुल्क वसूला है। सरकारी नौकरियों के नाम पर छात्रों को बड़े धोखे में रखा है। परीक्षा फीस के नाम पर 1046 करोड़ रुपए वसूले गए। वहीं परीक्षा रद्द की जाती रही। नौकरियों के नाम पर करोड़ों रुपए का हेरफेर हो रहा है। इसलिए शिवराज सरकार श्वेत पत्र लाए कि 18 सालों में कितनी शासकीय नौकरियों में भर्ती की गई हैं।
वहीं एमपी पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में जीत के प्रमाण पत्रों में हेर फेर का आरोप भी लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनावों में भी भाजपा द्वारा पूरी तरह सरकार का दुरुपयोग किया गया है। 75% से अधिक कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीते हैं। जल्द से जल्द जीत के प्रमाण पत्र दिए जाए।यह आशंका है कि कहीं प्रमाण पत्रों में हेर फेर ना कर दिया जाए। सभी पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के जीते हुए उम्मीदवारों में भी गड़बड़ी का डर है।
4000 कॉन्स्टेबल पद के लिए 2 लाख नौजवानों ने किया था आवेदन
कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने कहा कि व्यापम ने पिछले 10 सालों में परीक्षा फीस के नाम पर 1046 करोड रुपए वसूले। जनवरी 2022 में कॉन्स्टेबल की 4000 पदों के लिए 12 लाख नौजवानों ने आवेदन किए थे। एमपीपीएससी वर्ष 2019 की परीक्षाएं रद्द की गई। मध्यप्रदेश चयनित शिक्षक परीक्षा 2018 में प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई। कई महीनों से सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं चयनित शिक्षकों के मामले में जो प्रक्रिया हुई हुई थी वह कमलनाथ जी की सरकार के दौरान हुई थी।
मध्यप्रदेश में 2 लाख 50 हजार से ज्यादा शासकीय पद खाली पड़े
अजय सिंह यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार में 2.5 लाख से ज्यादा शासकीय पद खाली पड़े हुए हैं। उसके बाद भी युवाओं से नौकरी के नाम पर झांसा देकर भारी परीक्षा शुल्क वसूला जाता है। बाद में नौकरी नहीं दी जाती है। पुलिस विभाग में लगभग 25000 (22000 आरक्षक एवं 2000 पुलिस उपनिरीक्षक)पद खाली है। वनविभाग में 15000 से ( वनरक्षक एवं वन क्षेत्रफल) ज्यादा पद खाली है। स्वास्थ्य विभाग में 40000 से ज्यादा पद खाली है। 90 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद अभी भी खाली पड़े हैं। मध्यप्रदेश में रोजगार कार्यालयों में लगभग 35 लाख शिक्षित बेरोजगार नौकरी की इंतजार में बैठे हैं।
हाई स्कूल परीक्षा शुल्क के 83 करोड़ रुपए वसूले गए
कोरोना संक्रमण के दौर में माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने हाई स्कूल परीक्षा शुल्क के 83 करोड़ रुपए वसूले गए। जबकि परीक्षाएं रद्द कर दी गई। छात्रों को शुल्क वापस नहीं किया गया। फरवरी 2021 में व्यापम ने वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भर्ती में जिस तरह से घोटाला किया गया था जब उजागर हो गया तो अंततः वह परीक्षा रद्द करना पड़ी थी।
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