हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर से मुंबई जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3 पर हादसों को देखते हुए बाकानेर घाट की ओर बनाया गया वैकल्पिक मार्ग अब खुद खतरा बन गया है। 106 करोड़ रुपये की लागत से बनी 8.8 किलोमीटर लंबी यह सड़क निर्माण के सिर्फ 6 महीने बाद ही गड्ढों में तब्दील हो गई। इस गंभीर मामले को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से समय मांगा गया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने 15 जनवरी 2026 तक वस्तुस्थिति की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
यह आदेश न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला और न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने सेंधवा के सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता बी.एल. जैन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक तुगनावत ने कोर्ट को बताया कि 13 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई में सड़क की बदहाली दूर कर 15 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की। केंद्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि इस मामले में मुंबई से सीनियर एडवोकेट को उपस्थित होना था, लेकिन वे नहीं आ सके, इसलिए समय दिया जाए।
इस पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पहले ही सड़क सुधार और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।, इसके बावजूद न तो सड़क सुधारी गई और न ही रिपोर्ट दी गई। याचिकाकर्ता पक्ष ने कोर्ट को बताया कि एक माह पहले सड़क सुधार का आश्वासन दिया गया था, लेकिन हालात जस के तस हैं और इसका खामियाजा रोजाना आम जनता और वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि सड़क की बदहाली से रोजाना लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए 15 जनवरी से पहले हर हाल में वस्तुस्थिति रिपोर्ट अदालत के सामने रखी जाए।
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