रमेश सिन्हा,पिथौरा. प्रदेश में चल रही 108 एम्बुलेंस के एक चालक की लापरवाही ने एक नवजात का जीवन दुनिया में आते ही खतरे में डाल दिया है. अभी नवजात राजधानी के मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. 108 के जिला प्रभारी सूरज ने बताया कि शिकायत मिलते ही उक्त 108 को रायपुर तक भेज दिया गया था. अब उस लापरवाह स्टाफ पर भी आवश्यक कार्यवाही की जाएगी.
घटना के सम्बंध में पिथौरा ब्लड डोनेशन ग्रुप के राजेश चौधरी एवं ग्राम लाहरौद के ग्रामीण विश्राम निषाद ने बताया कि विगत शनिवार को विश्राम की पत्नी तुलेश्वरी को प्रसव के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. कल रविवार तक स्थानीय चिकित्सकों के प्रयाशों के बाद भी जब प्रसव में सफलता नहीं मिली, तब तुलस्वरी को तत्काल रायपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई. गरीब परिवार के विश्राम ने पूरा मामला स्थानीय ब्लड डोनेशन ग्रुप के राजेश चौधरी को दी. चौधरी ने तत्काल 108 की व्यवस्था करनी चाही, लेकिन पिथोरा की 108 रायपुर गई थी. गंभीर हालात को देखते हुए पटेवा की 108 उपलब्ध कराई गई. पटेवा 108 एम्बुलेंस में पदस्थ कर्मियों ने पहले तो पिथौरा पहुंचने के लिए एक घण्टा लगने की बात कही. इसके बाद चौधरी ने अस्पताल के पास ही खड़ी 102 एम्बुलेन्स से तुलेश्वरी को पटेवा तक ओर पटेवा से 108 द्वारा रायपुर तक ले जाने की सहमति बन गई.
अब 102 के पटेवा पहुंचकर मरीज को 108 के सुपुर्द करने के बाद ही लापरवाही का सिलसिला प्रारम्भ हो गया. सबसे पहले पिथौरा से रायपुर स्थानांतरित मरीज को 108 कर्मियों ने पटेवा में ही उपचार की सलाह देकर पटेवा के अस्पताल में आधा घण्टा समय खराब कर दिया. इसके बाद अनमने ढंग से निकली 108 को उसके कर्मियों ने रायपुर ले जाने की बजाय आरंग शहर ले गए और उनके घर में काम की बात कह कर आरंग की एम्बुलेन्स में रायपुर भेजने के प्रयास करने लगे.
इस बात की जानकारी चौधरी को होते ही उन्होंने तत्काल कलेक्टर महासमुंद एवं विधायक महासमुंद विनोद चन्द्राकर को घटना की जानकारी दी. जिस पर कलेक्टर और विधायक द्वारा तत्काल 108 के जिला प्रभारी को आवश्यक निर्देश दिए. 108 स्टाफ के उक्त हरकत से प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को रायपुर पहुंचने में एक घण्टा देर हो गई. प्रसव के बाद नवजात को आईसीयू में भर्ती किया गया है.