रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर से बातचीत असफल होने के बाद 108 संजीवनी एक्सप्रेस और 102 महतारी एक्सप्रेस के कर्मियों ने अपना आंदोलन और उग्र कर दिया है. आंदोलनरत कर्मियों के साथ अब उनके परिजन भी हड़ताल में शरीक हो गए हैं.
22 दिनों से 108/ 102 संजीवनी एंबुलेंस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. अपनी मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात किया था. लेकिन उनकी मांगों को लेकर सरकार द्वारा कोई कदम नही उठाया गया.
आंदोलन में शामिल हुए परिजनों का कहना है कि महत्वपूर्ण सेवा से जुड़े एंबुलेंस कर्मी सिर्फ न्यूनतम वेजेस की तो मांग रहे हैं और जब सरकार शराब को अपने अधीन लेकर चला सकती है तो इतनी महत्वपूर्ण एंबुलेंस सेवा को सरकार क्यों नहीं चला सकती. हम सरकार से अपील करते है कि वे एंबुलेंस और महतारी एक्सप्रेस की सेवाओं को अपने अधीन लेकर चलाए. हम तब तक यहां बैठेंगे जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती.
इधर छत्तीसगढ़ संजीवनी कर्मचारी कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष राजेंद्र राठौऱ का कहना है कि आज सरकार ने हमें मजबूर कर दिया है कि हम अपने परिवार वालों को लेकर यहां बैठे और आंदोलन करें बुजुर्ग माता पिता और छोटे-छोटे बच्चों को लेकर हम आज आंदोलन कर रहे हैं. सरकार इस योजना को महत्वाकांक्षी योजना बताती है पर संवेदनशीलता नजर नहीं आती. हम इस बात का विरोध कर रहे हैं कि कंपनी को भारी भरकम राशि दी जाती है हम इसी बात का विरोध कर रहे हैं कि जो पैसा बिचौलियों को जाता है वह सरकार हमें दे.
सरकार ठेका प्रथा बंद करें और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करें आज स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर हमने पुनः अपील की है पर स्वास्थ्य मंत्री ने पुनः कल आने को कहा है.इसके बावजूद हमारी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो हम परिवार के साथ जेल भरो आंदोलन करेंगे.आपको बता दे कि कुछ दिन पूर्व इनकी मांगो को लेकर स्वास्थ्य संचालक ने एंबुलेंस संचालनकर्ता कंपनी जीवीके के अधिकारियों के साथ बैठक की थी लेकिन उस बैठक में कोई नतीजा नही निकल पाया था.