उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में किन्नर अखाड़ा अब विदेशों में भी अपने विस्तार की तैयारी कर रहा है. महाकुंभ 2025 के अवसर पर, किन्नर अखाड़े ने 7 देशों के किन्नरों को महत्त्वपूर्ण उपाधियों से सम्मानित करने की योजना बनाई है. आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के अनुसार अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी सहित अन्य देशों के 12 किन्नर महाकुंभ में जगद्गुरु और महामंडलेश्वर बनेंगे.
इस महाकुंभ के दौरान, 55 किन्नर संतों को भी महामंडलेश्वर और जगद्गुरु की उपाधियां दी जाएंगी. इस प्रक्रिया के तहत, किन्नर संतों की एक सूची तैयार की गई है, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. सम्मान समारोह मौनी अमावस्या के महास्नान पर्व पर आयोजित होगा.
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हालांकि, किन्नर अखाड़े के भीतर बगावत के संकेत भी मिल रहे हैं. एक गुट स्वतंत्रता की मांग कर रहा है, जिससे अखाड़ा अपने विस्तार की योजना को गति देने पर मजबूर है. आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की अगुवाई में इस विस्तार पर मुहर लग चुकी है, जिसका उद्देश्य किन्नर समाज को मुख्य धारा से जोड़ना है.
2015 में स्थापित किन्नर अखाड़ा, 2016 में आचार्य द्वारा स्थापित किया गया था, लेकिन इसे अभी तक स्वतंत्र अखाड़े का दर्जा नहीं मिला है. यह जूना अखाड़े के अधीन काम कर रहा है. हरिद्वार कुंभ में किन्नर अखाड़े की पेशवाई की शुरुआत हुई थी, और 2021 में इसे पहली बार मान्यता मिली. किन्नर अखाड़े के प्रति समाज में उत्साह बढ़ रहा है, और यह कदम उनके अधिकारों और पहचान को स्थापित करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
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