राजधानी दिल्ली में पोर्टा केबिन में संचालित 121 मोहल्ला क्लीनिक (Mohalla Clinic)जल्द ही बंद किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंध में राज्य आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक सेल की ओर से ईमेल के माध्यम से निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों के अनुसार, वे क्लीनिक जो किसी अन्य स्वास्थ्य सुविधा केंद्र के एक किलोमीटर के दायरे में आते हैं, उन्हें बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिकारियों को ऐसे क्लीनिकों की पहचान कर इनवेंटरी लिस्ट तैयार करने के आदेश दिए गए हैं।

मोहल्ला क्लीनिक यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने कहा कि इस आदेश से करीब दो हजार स्वास्थ्य कर्मियों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले आश्वासन दिया था कि मोहल्ला क्लीनिक के कर्मचारियों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में समायोजित किया जाएगा, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। इसके बजाय आरोग्य मंदिरों के लिए नई नियुक्तियां की जा रही हैं।

मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर रमेश बंसल का कहना है कि यह योजना राजधानी में स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बेहद लोकप्रिय पहल रही है। उन्होंने कहा कि “मोहल्ला क्लीनिक ने लाखों लोगों को निःशुल्क और सुलभ चिकित्सा उपलब्ध कराई है। ऐसे में इन क्लीनिकों को बंद करना जनहित के खिलाफ कदम साबित होगा।”

सीएम रेखा गुप्ता का बयान: ‘मोहल्ला क्लीनिक घोटाला था’

वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मोहल्ला क्लीनिक योजना को पिछली सरकार का “सबसे बड़ा भ्रष्टाचार अड्डा” बताया है। उन्होंने 17 जून को तीस हजारी कोर्ट परिसर में आयुष्मान आरोग्य मंदिर का उद्घाटन करते हुए कहा था कि,“मोहल्ला क्लीनिक पूरी तरह से घोटाला था। इसमें न देखभाल थी, न दवाएं। इसका एकमात्र उद्देश्य पैसा कमाना था। क्लीनिक के नाम पर नालों और गंदी जगहों पर पोर्टा केबिन लगाए गए, जहां प्रति मरीज 40 रुपये के हिसाब से डॉक्टरों को भुगतान किया जाता था। ऐसी स्थिति में इलाज की गुणवत्ता की कल्पना की जा सकती है।”

सीएम ने यह भी कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों के लिए किराये पर ली गई जगहों के बदले कई गुना अधिक भुगतान किया गया। उनके अनुसार, पिछली सरकार की यह योजना “जनता को धोखा देने और धन की बंदरबांट करने का माध्यम” बन गई थी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों के लिए किराये पर ली गई जगहों के बदले कई गुना अधिक भुगतान किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 2400 करोड़ रुपये की धनराशि को भी राजनीतिक अहम के कारण उपयोग नहीं किया। “केंद्र सरकार ने पांच साल पहले दिल्ली को 2400 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन पिछली सरकार ने उस धनराशि का इस्तेमाल नहीं किया। हमारी सरकार आने के बाद अब उस पैसे को जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं में लगाया जा रहा है,”

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोग्य मंदिर और मोहल्ला क्लीनिक में जमीन-आसमान का फर्क है। “जहां-जहां आरोग्य मंदिर खुलते जाएंगे, वहां पर मोहल्ला क्लीनिक को बंद किया जाएगा। आरोग्य मंदिरों में हर प्रकार की जांच की सुविधा होगी और वहां क्वालिफाइड डॉक्टर तैनात होंगे,” उन्होंने कहा। रेखा गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र सिर्फ इसलिए नहीं खोले क्योंकि यह योजना प्रधानमंत्री से जुड़ी थी। “हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में जनऔषधि केंद्र खोले जाएंगे ताकि लोगों को सस्ती दवाएं मिल सकें,”

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