नई दिल्ली: योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने आज 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) को पद्म श्री से सम्मानित किया. वाराणसी के रहने वाले स्वामी शिवानंद के बारे में कहा जाता है कि 125 वर्ष की उम्र में भी वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) में अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन योगदान देने वाले 128 लोगों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया है.

स्वामी शिवानंद का जन्म 3 अगस्त 1896 का बताया जाता है. वे चमक-दमक की दुनिया से दूर रहना पसंद करते हैं. योग और धर्म में रुचि रखने वाले स्वामी शिवानंद रोज सुबह 3 बजे उठते हैं और योग करते हैं. इसके अलावा वे भगवद् गीता और मां चंडी के श्लोकों का पाठ करते हैं.

योग गुरु सम्मान लेने के लिए पहुंचे तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे घुटनों के बल बैठकर उनका अभिवादन करने लगे. योग गुरु को ऐसा करता देख प्रधानमंत्री मोदी तुरंत अपनी जगह पर खड़े हो गए और झुककर दोनों हाथ जोड़कर योग गुरु के सामने नतमस्तक हो गए. योग गुरु ने इसी अंदाज में राष्ट्रपति का भी अभिवादन किया.

स्वामी शिवानंद के अलावा असम की रहने वाली प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता शकुंतला चौधरी को मरणोपरांत पद्म सम्मान से अलंकृत किया गया. कुछ दिन पहले ही 102 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था.

इसके अलावा जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर, जम्मू-कश्मीर निवासी प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री, पंजाबी लोक गायिका गुरमीत बावा, दक्षिण कन्नड में टनल मैन के नाम से मशहूर अमाई महालिंग नाइक समेत कई हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

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