रायपुर। एक तरफ देशभर में लगातार पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों का विरोध हो रहा है. वहीं पेट्रोल की कीमतों में हर दिन बदलाव के लिए इस साल 16 जून को लागू की गई डाइनैमिक प्राइसिंग को बदलने की मांग को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खारिज कर दिया. धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि दैनिक समीक्षा की नीति जारी रहेगी.

बता दें कि इस साल जुलाई से लेकर अब तक पेट्रोल की कीमतों में करीब 7 रुपए जबकि डीजल की कीमतों में करीब 5 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है. वो भी तब जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत मोदी सरकार के कार्यकाल में लगभग आधी हो गई है. गौरतलब है कि 2014 में एक बैरल कच्चे तेल की कीमत 6 हजार रुपए थी, जबकि आज इसकी कीमत प्रति बैरल 3 हजार 093 रुपए है. दरअसल मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कई गुणा बढ़ा दी है.

3 साल में 126% बढ़ा उत्पाद शुल्क

साल 2014 से लेकर अब तक केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 126 फीसदी बढ़ा दी है. वहीं डीजल पर लगने वाली ड्यूटी में 374 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है.

अगर पेट्रोल की कीमतों की बात करें, तो गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70.39 रु/लीटर, कोलकाता में 73.13 रु/लीटर, मुंबई में 79.5 रु/लीटर और चेन्नई में 72.97 रु/लीटर, रायपुर में 70.88  रु/लीटर रही. पेट्रोल की ये कीमत अगस्त 2014 के बाद अपने उच्च स्तर पर है.

सरकार और पेट्रोल कंपनियां कमा रहीं मुनाफा

अब सवाल ये है कि जब इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल सस्ता है, तो भारत में पेट्रोल की कीमत कम क्यों नहीं हो रही. दरअसल मोदी सरकार ने तेल पर अतिरिक्त टैक्स लगाया है, जिसके कारण पेट्रोल की कीमत लगातार बढ़ रही है.