विक्रम मिश्र, लखनऊ. मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी के तमाम दावों के बावजूद राजधानी लखनऊ सहित यूपी में महिलाओं और लड़कियों के साथ अपराधों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हजरतगंज क्षेत्र में बेखौफ वहशियों ने दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देते हुए पुलिस चौकसी की पोल खोल दी. तीन लोगों ने 13 वर्षीय किशोरी को अगवा कर उसकी आबरू पर डाका डाल दिया.
जिस रफ्तार से सूबे की राजधानी के युवा पढ़ाई-लिखाई और खेलकूद में अव्वल आ रहे हैं, उसी रफ्तार से वे महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़ या उनकी इज्जत पर डाका डालने के मामले भी बढ़ रहे हैं. शोहदों और वहशियों से तंग महिलाओं और लड़कियों की मदद के लिए शुरू की गई वुमेन पॉवर लाइन सहित कई अन्य योजनाएं बनाकर चलाई गई, लेकिन कड़वा सच ये है कि वहशियों का आतंक थम नहीं रहा है. फोन कॉल और एसएमएस के जरिए या सरेराह महिलाओं, लड़कियों या किशोरियों को अगवा कर उनके साथ छेड़छाड़ और अभद्रता की बढ़ती घटनाएं भी इसका हिस्सा हैं.
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हजरतगंज एक ऐसा क्षेत्र है जहां दिन रात अफसरों की हूटर बजाती हुई गाडियां निकलती हैं और चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहते हैं. इन्हीं सुरक्षा के बीच जिस तरह से बेखौफ वहशियों ने एक 13 वर्षीय किशोरी को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया, उसने खाकी की कार्यशैली पर सवाल उठा दिया है. यह तो हाल में हुई घटना है. इससे पहले 2015 में जानकीपुरम से स्कूल जाने के लिए निकली छात्रा को अगवा कर बदमाशों ने हजरतगंज क्षेत्र लगाकर उसकी इज्जत पर डाका डालने के बाद बेरहम वहशियों ने मौत की नींद सुला दिया था. सवाल ये है कि पुलिस ने बहू बेटियों की सुरक्षा के लिए तमाम तरह की योजनाएं बनाई, लेकिन दरिंदों के कहर के आगे सब फेल नजर आती है.
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