दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में लगभग 1300 नर्सिंग स्टाफ को सरकारी अस्पतालों में नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए. इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta), केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जय प्रकाश नड्डा(JP Nadda), और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह(Pankaj Singh) सहित कई वरिष्ठ मंत्री उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने इसे दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मोहल्ला क्लीनिक भ्रष्टाचार का केंद्र बन गए थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से प्राप्त 1700 करोड़ रुपये की आयुष्मान योजना का सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया. सीएम ने यह स्पष्ट किया कि पिछले कई वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी में स्थायी नौकरियों के मामले में पूर्व सरकारें असफल रहीं. उन्होंने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि लंबे समय बाद नर्सों को स्थायी नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में 15 वर्षों के अंतराल के बाद यह अवसर आया है जब इतनी बड़ी संख्या में नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार ने पहले भी दिल्ली को सुविधाएं प्रदान करने की इच्छा जताई थी, लेकिन दिल्लीवासियों ने अपनी स्थिति को ठीक नहीं किया, जिससे उन्हें लाभ नहीं मिल सका.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में दिल्ली सरकार का निरंतर सहयोग किया है, जबकि पूर्व सरकार का दृष्टिकोण केवल दिखावा करने तक सीमित रहा, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं लगातार deteriorate होती गईं. उन्होंने विशेष रूप से आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 27 वर्षों में सरकारें प्रति 1000 लोगों के लिए 0.42 अस्पताल बेड भी उपलब्ध नहीं करा सकीं. इसके अलावा, 38 सरकारी अस्पतालों में केवल 6 एमआरआई मशीनें और 12 सीटी स्कैन मशीनें ही उपलब्ध थीं.

‘मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर हुआ करोड़ों का घोटाला’

सीएम ने बताया कि मरीज अस्पताल आते थे, लेकिन उन्हें गेट पर ही लौटना पड़ता था क्योंकि उन्हें न तो दवाई मिलती थी और न ही उचित इलाज. उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाया कि उसने वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य मॉडल का दावा तो किया, लेकिन मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया. सीएम ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयों की खरीद में अनियमितताएं थीं और फर्जी मरीजों की संख्या दिखाकर पैसे लिए गए. एक ही दिन में 200 मरीजों के पर्चे बनाकर धन निकाला गया. अस्पतालों की इमारतों और कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट में भी भ्रष्टाचार हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि सड़क किनारे पोर्टा केबिन लगाकर अपने फोटो लगाए गए, जहां 40 रुपए प्रति मरीज के हिसाब से डॉक्टर रखे गए, जिनकी डिग्री की जानकारी भी नहीं थी. अंत में, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जो अस्पताल बनने थे, वे आज तक चालू नहीं हुए.

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मुख्यमंत्री ने बताया कि जब सरकार ने शपथ ली, तब केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का फोन आया कि आयुष्मान योजना को तुरंत लागू करना है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 4 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया, जिसमें 2 लाख लोग 70 वर्ष से अधिक आयु के हैं. आयुष्मान आरोग्य योजना के लिए 108 अस्पतालों के साथ साझेदारी की गई है. सीएम ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार ने 1750 करोड़ रुपये चार साल पहले दिए थे, लेकिन पूर्व सरकार ने अहंकार के कारण इनका सही उपयोग नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमें अगले 8 महीनों में 1150 आरोग्य मंदिर बनाने हैं, जिनमें से 100 मंदिर पहले ही तैयार हो चुके हैं, 34 का उद्घाटन हो चुका है, और 70 का उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि हर महीने 100 आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे ताकि मार्च तक निर्धारित लक्ष्य पूरा किया जा सके.

‘हर लोकसभा और विधानसभा में खुलेंगे आरोग्य मंदिर’

सीएम रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि दिल्ली में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 150 और हर विधानसभा क्षेत्र में 15 आरोग्य मंदिर स्थापित किए जाएंगे. इसके साथ ही, अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हम दिल्ली में ऐसी व्यवस्था करेंगे कि किसी को भी इलाज के बिना अपनी जान नहीं गंवानी पड़े. उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाया कि उसने एक भी स्थायी नौकरी नहीं दी, जबकि अब लगभग 1400 नर्सों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं, जिसे उन्होंने ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार में आने के बाद हर अस्पताल में एक मेडिकल सुपरिंटेंडेंट नियुक्त किया गया है, और यह केवल सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का एक अवसर है.

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‘वहां आपने बटन दबाया तो यहां नियुक्ति का बटन दबा’

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से पूछा कि यह नियुक्ति कितने वर्षों के बाद हो रही है, जिस पर उन्होंने बताया कि यह 15 वर्षों के अंतराल के बाद संभव हो पाया है. आज 1200 से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं. नड्डा ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया उन्होंने नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री ने शुरू की है. 20 तारीख को जब जनादेश दिया गया, तब वहां बटन दबाया गया और यहां नियुक्ति का बटन दबाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व की सरकार में स्वास्थ्य को नजरअंदाज किया गया था और यह देखना चाहिए कि कौन आपके हितों की रक्षा कर रहा है.

जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत 1700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन इनमें से एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ. अब यह जिम्मेदारी रेखा गुप्ता के पास है, जो अगले 8 महीनों में इसे संभालेंगी. उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार दिल्ली के निवासियों को 5 लाख रुपये का मुफ्त इलाज देने के लिए तैयार थी, लेकिन कुछ लोगों की राजनीति इसमें बाधा बन गई. नड्डा ने कहा कि हम मदद के लिए तैयार थे, लेकिन स्थिति को सही दिशा में लाने में देरी हुई.

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‘दूर की सोचने वाला आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोलता है’

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को अंतिम सांस तक स्वस्थ रहने का अधिकार प्रदान किया है. सभी आयु वर्ग के बुजुर्गों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1997 में आई स्वास्थ्य नीति में यह कहा गया था कि पहले बीमारी आएगी, फिर हम आपकी देखभाल करेंगे. लेकिन 2014 में मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद और 2017 में नई स्वास्थ्य नीति के तहत हमने प्राथमिकता दी कि पहले रोकथाम करेंगे, फिर उपचार करेंगे. इसी नीति के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य योजना का जन्म हुआ. मंत्री ने यह भी कहा कि दूरदर्शिता से सोचने वाले लोग आयुष्मान आरोग्य जैसे कार्यक्रम शुरू करते हैं, जबकि तात्कालिक राजनीति करने वाले मोहल्ला क्लिनिक खोलते हैं.

नड्डा ने बताया कि 30 वर्ष की आयु में लोगों की हाइपरटेंशन की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिसमें अब तक 18 करोड़ लोगों की जांच की जा चुकी है. उन्होंने दिल्ली के सभी विधायकों और सांसदों से अपील की कि वे 30 वर्ष के युवाओं को आरोग्य मंदिर लाने की जिम्मेदारी निभाएं. नड्डा ने यह भी कहा कि भारत में मृत्यु दर में 40% की कमी आई है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह केवल 11% है. टीबी के मामले में भी भारत का गिरावट दर विश्व औसत से दोगुना है. उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में 22 नए AIIMS खोले गए हैं और मेडिकल कॉलेजों की संख्या 780 तक पहुंच गई है. अब हमें 75,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटें बढ़ाने की आवश्यकता है.

‘अब तक 3 लाख 91 हजार कार्ड बनाए जा चुके हैं’

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ पंकज सिंह ने इस अवसर पर जानकारी दी कि 1300 से अधिक नर्सिंग और 20 सहायक कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि आयुष्मान आरोग्य योजना और व्यय वंदन योजना के तहत अब तक 3 लाख 91 हजार कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 2 लाख कार्ड व्यय वंदन योजना के अंतर्गत जारी किए गए हैं. इसके साथ ही, आज वैन की संख्या में भी वृद्धि की जा रही है.