पुरषोत्तम पात्र, गरियाबन्द. देवभोग और अमलीपदर में लो वोल्टेज और पावर कट की समस्या अब खत्म हो जाएगी. 50 करोड़ से ज्यादा की लागत से इंदागांव में तैयार हो चुके 132 केवी सब स्टेशन बन कर तैयार हो गया है. बुधवार को छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कम्पनी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर उज्ज्वला बघेल के हाथों स्टेशन को चार्ज करने की औपचारिकता पूरी कर ली गई है. बताया जा रहा है कि गुरुवार शाम 4 बजे से लेकर शुक्रवार के बीच इसकी सप्लाई भी दी जा सकती है. अधिकृति तौर पर समय सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम भूपेश बघेल के हाथों वर्चुवली इसका शुभारंभ होगा. देवभोग वितरण केंद्र के 106 और अमलीपदर केंद्र के 70 गांव समेत 200 से ज्यादा गांव तक इस केंद्र से बिजली पहुंचेगी. इससे लो वोल्टेज, तकनीकी और प्राकृतिक कारणों से होने वाले पावर कट से छुटकारा मिलेगा.

सावधानी बरतने की जरूरत

देवभोग वितरण केंद्र के सहायक अभियंता यशवंत ध्रुव ने बताया कि पहले मिल रही कम वोल्ट की सप्लाई के कारण 60 फीसदी उपभोक्ताओ के घरों में स्टेबलाइजर और खेतों के उपक्रमो में पावर बूस्टर लगाया गया है. अब 132 केवी से सप्लाई मिलने के कारण पहले की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा वोल्ट की सप्लाई होगी, ऐसे में तकनीकी तौर पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है. बिजली विभाग के अफसर ग्रामीणों को स्टेबलाइजर डिश कनेक्ट करने की सलाह दे रहे हैं.

132 केवी लाएगी आर्थिक क्रांति

लंबे अरसे से लो वोल्टेज और अघोषित बिजली कटौती से देवभोग अमलीपदर तहसील के 200 से ज्यादा गांव वर्षो से जूझ रहे थे. 2019 में इंदागांव में 132 केवी बिजली केंद्र स्थापित करने के लिए 52 करोड़ की मंजूरी मिली थी. धमतरी जिले से 67 किमी लंबी हाईटेंशन तार और 280 टावरों के जरिए बिजली इंदागांव स्टेशन तक पहुंचने की पूरी तैयारी हो चुकी है. 2023 में मार्च तक सप्लाई भी शुरू हो जाएगी. इससे बिजली की समस्या से निजात मिलेगी ही, नए रोजगार के सृजन भी होंगे. मिनि उद्योग की स्थापना 2023 में होगी. दर्जनभर निजी फर्मों ने इसकी तैयारी भी कर ली है. बिजली से जुड़े ठप्प पड़े व्यवसाय को भी गति मिलेगी.