जालंधर। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी की रिमांड आज खत्म हो गई है। कोर्ट ने ईडी को फिर से आगे हनी की कस्टडी देने से मना कर दिया। एक हफ्ते तक एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की कस्टडी में रहने के बाद अब जिला एवं सत्र अदालत जालंधर ने भूपिंदर सिंह हनी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट में आज फिर से तीसरी बार रिमांड के लिए ईडी ने अपनी अर्जी दी थी। ईडी ने तर्क दिया था कि अभी बहुत कुछ पता लगाना बाकी है। मनी ट्रेलिंग में 70 लोगों के नाम उन्हें पता चल गए हैं और कुछ नाम भी हैं, जिनका पता लगाना जरूरी है। इसके लिए ईडी ने एक और हफ्ते के लिए भूपिंदर सिंह हनी की रिमांड मांगी थी, जिससे कोर्ट ने इनकार कर दिया.
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आयकर विभाग भी हनी के खिलाफ कर सकता है कार्रवाई
इधर प्रवर्तन निदेशालय के पीएमएलए मामले के बाद आयकर विभाग भी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी के खिलाफ मामला दर्ज करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने उनकी संपत्ति के ब्योरे के संबंध में आयकर विभाग के साथ जानकारी साझा की है। सूत्र बता रहे हैं कि हनी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला हो सकता है। आयकर विभाग विभाग बेनामी संपत्ति अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सकता है। हालांकि, अभी तक एजेंसियों ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
ईडी ने हनी को 3 और 4 फरवरी की दरम्यानी रात को किया था गिरफ्तार
ईडी ने हनी को 3 और 4 फरवरी की दरम्यानी रात को गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें 8 फरवरी तक के लिए हिरासत में ले लिया था। इसके बाद जालंधर की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी की ईडी हिरासत 11 फरवरी तक बढ़ा दी थी. अब आज कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भूपिंदर सिंह हनी को भेज दिया।
पंजाब सीएम चन्नी के भतीजे भूपिंदर हनी ने अवैध रेत खनन मामले में दायर की जमानत याचिका
7 मार्च 2018 को पंजाब पुलिस ने राहों पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। एफआईआर यूपीसी की धारा 379, 420, 465, 467, 468 और 471 के साथ पठित खान और खनिज अधिनियम की धारा 21(1), 4(1) दस से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पंजाब पुलिस की प्राथमिकी में भूपिंदर सिंह हनी का नाम नहीं था और मामले में कुदरत दीप सिंह को क्लीन चिट दे दी गई थी।
ईडी ने नवंबर 2021 में पंजाब में अवैध रेत खनन से संबंधित इस प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।
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इसके अलावा, भूपिंदर सिंह हनी ने तलाशी के दौरान अपने बयान में अन्य बातों के साथ स्पष्ट रूप से कहा है कि लुधियाना में उनके आवासीय परिसर (4.09 करोड़ रुपये), संदीप कुमार के लुधियाना में आवास परिसर (1.99 करोड़ रुपये) से मिली सभी नकदी जब्त कर ली गई। मोहाली में आवास परिसर (3.89 करोड़ रुपये) वास्तव में हनी से संबंधित है। उन्होंने खनन से संबंधित गतिविधियों के माध्यम से खनन फाइलों की मंजूरी और अधिकारियों के स्थानांतरण सहित अपराध की इस तरह की आय अर्जित करने की बात स्वीकार की। सूत्रों ने दावा किया है कि चूंकि हनी चन्नी के करीबी हैं, इसलिए वह भारी मुनाफा कमाने के लिए राजनीतिक कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे थे.
हनी ने 10 करोड़ रुपए बरामद होने की बात कबूल की
ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक, हनी ने कबूल किया है कि ईडी ने छापेमारी के दौरान उनके घर से 10 करोड़ रुपये बरामद किए थे। ईडी ने आरोप लगाया है कि हनी को अवैध खनन से भी पैसा मिल रहा था। ईडी ने 18 जनवरी को हनी का आवास होमलैंड हाइट्स समेत 10 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी। ईडी ने दो दिनों तक अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। हनी को जालंधर में ईडी के जोनल ऑफिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। उन्हें चल रही जांच के सिलसिले में अपना बयान दर्ज कराना था। ईडी अधिकारियों ने हनी के बिजनेस पार्टनर कुदरत दीप सिंह का बयान दर्ज किया था।
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ईडी के अधिकारी ने कहा था कि उन्होंने छापेमारी के दौरान अवैध रेत खनन, संपत्ति के लेन-देन, सेल फोन, 21 लाख रुपये से अधिक के सोने और 12 लाख रुपये की घड़ी और 10 करोड़ रुपये नकद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए। एक सूत्र ने बताया कि उनके द्वारा बरामद दस्तावेजों से इस बात की पुष्टि हुई है कि कुदरत दीप सिंह दो फर्म चला रहे थे और भूपिंदर सिंह हनी उनमें संयुक्त निदेशक थे। सूत्रों के अनुसार, फर्म मूल रूप से शेल कंपनियां हैं, लेकिन ईडी ने बहुत सारे पैसे के लेनदेन का पता लगाया है। फर्मों में से एक प्रदाता ओवरसीज कंसल्टेंसी लिमिटेड है जिसे 2018 में 33.33 प्रतिशत समान शेयरों के साथ शामिल किया गया था। ईडी का यह मामला दो साल पुरानी प्राथमिकी के आधार पर है।
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ईडी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी सहित 10 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। पंजाब पुलिस ने 7 मार्च 2018 को 10 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईडी ने पिछले साल नवंबर में पंजाब में अवैध रेत खनन से संबंधित प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी। एफआईआर की कॉपी आईएएनएस तक पहुंच गई है, जो आईपीसी की कई धाराओं के तहत दर्ज की गई थी। पंजाब पुलिस की प्राथमिकी में भूपिंदर सिंह हनी का नाम नहीं था और मामले में कुदरत दीप सिंह को क्लीन चिट दे दी गई थी। ईडी ने पाया कि मामले में शामिल आरोपियों द्वारा पैसे की हेराफेरी की जा रही थी और उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी।
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