Bihar News: पटना स्थित सेंट केरेंस स्कूल की नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली आराध्या सिंह ने एक ऐसा कार्य कर दिखाया है, जो देश ही नहीं, दुनिया भर के लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। मोतिहारी की मूल निवासी 14 वर्षीय आराध्या ने हनुमान चालीसा का अनुवाद 234 भाषाओं में कर इतिहास रच दिया है।

अनुवाद में लगा 6 महीने का समय

इसमें अंग्रेजी, जापानी, स्पैनिश, कोरियन, पुर्तगाली, लैटिन, ग्रीक, मराठी, पंजाबी और स्वाती जैसी देशी-विदेशी भाषाओं को शामिल किया गया है। आराध्या ने इस कार्य की शुरुआत पिछले वर्ष छठ पूजा से की थी और महज 6 महीने में इसे पूरा कर लिया। इसके लिए उन्होंने गूगल ट्रांसलेट और कैनवा ऐप का सहारा लिया।

पढ़ाई के साथ पूरा किया कार्य

आराध्या अब इस अनुवाद को पीडीएफ फॉर्मेट में ऑनलाइन प्रकाशित करने जा रही हैं, जिसका कवर पेज भारत के 28 राज्यों की पारंपरिक कलाओं से सुसज्जित है, जिनमें मधुबनी पेंटिंग भी प्रमुख रूप से शामिल है। आराध्या का सपना है कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को वैश्विक पहचान मिले। इसी लक्ष्य के साथ उन्होंने पढ़ाई के साथ तालमेल बिठाकर यह असाधारण कार्य पूरा किया।

माता-पिता के साथ चिराग को दिया श्रेय

आराध्या ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता के साथ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को देती हैं, जिन्होंने उनके प्रयास की सराहना करते हुए हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। आराध्या की मां रानी सिंह पेशे से शिक्षिका हैं और पिता मनोज कुमार सिंह एक व्यवसायी। चार बहनों में सबसे छोटी आराध्या अब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए आवेदन की तैयारी कर रही हैं। उनके माता-पिता को अपनी बेटी पर गर्व है, जिसने इतनी कम उम्र में ऐसा कार्य कर दिखाया जो प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।

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