नई दिल्ली। तमिलनाडु के थूथुकुडी में वेदांत के कॉपर स्मेल्टर प्लांट (Vedanta copper smelter plant) को बंद करने से अर्थव्यवस्था को 14,749 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. एक रिपोर्ट में इसका अनुमान लगाया गया है. खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड को तमिलनाडु के थूथुकुडी में स्थित अपनी स्टरलाइट कॉपर फैक्ट्री के लिए बड़ी संख्या में बोलियां मिली हैं.

एनजीओ कट्स इंटरनेशनल (NGO Cuts International) ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि कॉपर प्लांट (copper plant) के बंद होने से अर्थव्यवस्था को 14,749 करोड़ रुपये का संचयी नुकसान हुआ है. इसमें सभी पक्षों को हुआ नुकसान भी शामिल है.

तमिलनाडु के राज्य सकल घरेलू उत्पाद (SGDP) को फैक्ट्री बंद होने के दौरान 0.72 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक फैक्ट्री बंद होने से कंपनी को 4,777 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

नीति आयोग के वित्तीय सहयोग से तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को करों और शुल्क के रूप में राजस्व के रूप में भी काफी नुकसान हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कारखाने बंद होने के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर आर्थिक प्रभाव को देखते हुए विकास और पर्यावरण को संतुलित करने के लिए बेहतर वैकल्पिक समाधान खोजने की तत्काल आवश्यकता है.

तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu government) ने मई 2018 में हिंसक विरोध के बाद थूथुकुडी कारखाने (Thootukdi factory) को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया था.

हालांकि, कंपनी पहले इस बात से इनकार करती रही है कि फैक्ट्री से प्रदूषण (pollution from Vedanta copper factory) फैला है. प्लांट शुरू करने की अनुमति के अनुरोध के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी गया, लेकिन अभी तक शीर्ष अदालत से इसकी मंजूरी नहीं मिली है.

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