नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक 15 साल के लड़के ने अपने घर की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक घटना पूर्वी दिल्ली के कॉमनवेल्थ गेम्स गांव में शनिवार को रात करीब 8:30 बजे हुई. घटना के समय नाबालिग अपने घर पर अकेला था. उसके माता-पिता मयूर विहार बाजार गए हुए थे. पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब लोगों ने उसे छठी मंजिल से गिरते देखा, तो उसे मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. जिस जगह पर नाबालिग गिरा था, उस जगह को पुलिस ने सील कर दिया और वहां से फॉरेंसिक टीम ने सैंपल उठाए और जांच की. पुलिस घरवालों, मृतक के दोस्तों, जानने वालों और पड़ोसियों से बातचीत कर रही है, हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि किशोर ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया.

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संसद में किशोरों की आत्महत्या के चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने

पुलिस ने बताया कि अभी तक किसी भी तरह की हत्या की आशंका नहीं है, हालांकि अभी हर एंगल से घटना की जांच की जा रही है.
केंद्र सरकार द्वारा 14 दिसंबर को संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 में आत्महत्या से 11,396 बच्चों (18 वर्ष से कम) की मौत हुई है, जिसमें प्रतिदिन औसतन 31 नाबालिग की मौतें हुई हैं. गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार, पिछले तीन वर्षों के दौरान बच्चों (18 वर्ष से कम) द्वारा की गई आत्महत्याओं की कुल संख्या 2018 में 9,431, 2019 में 9,613 और 2020 में 11,396 थी.

 

बच्चों के मार्गदर्शन के लिए ‘मनोदर्पण’ और ‘एनसीईआरटी परामर्श सेवाएं’

वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोविड-19 के प्रकोप और उसके बाद के दौरान मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण के लिए छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों को कवर करते हुए एक सक्रिय पहल ‘मनोदर्पण’ शुरू की है. शिक्षा मंत्रालय के अलावा, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने देश भर के स्कूली छात्रों को उनकी चिंताओं को साझा करने में मदद करने के लिए अप्रैल 2020 में ‘स्कूली बच्चों के लिए एनसीईआरटी परामर्श सेवाएं’ शुरू की हैं.
यह सेवा देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 270 परामर्शदाताओं द्वारा नि:शुल्क प्रदान की जाती है.