रायपुर। केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के विवादित ट्वीट पर आज सूबे के सीएम भूपेश बघेल ने उन्हें जमकर आड़े हाथ लिया. भूपेश बघेल ने अरुण जेटली को ब्लॉग मंत्री कहकर संबोधित करते हुए ट्वीट किया. जेटली पर पलटवार करते हुए कहा कि 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों के सहयोग से हुई सुपारी किलिंग क्या भूल गए आप? इस घटना में नक्सलियों ने हमारे शीर्ष नेता पूर्व मंत्री महेन्द्र कर्मा, नंद कुमार पटेल और पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की हत्या कर दी थी.

सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया, “ब्लॉग मंत्री जेटली जी! झीरम का नाम तो सुना ही होगा? 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले नक्सलियों के सहयोग से हुई सुपारी किलिंग क्या भूल गए आप? हमारे सभी नेताओं का नाम पूछ पूछ कर नक्सलियों ने उन्हें मारा था. महेंद्र भैया, नंदू भैया, विद्या भैया सहित 31 कांग्रेस नेता शहीद हुए थे.”


जेटली के ट्वीट पर भड़के सीएम भूपेश बघेल ने केन्द्रीय मंत्री के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए इसे छत्तीसगढ़ की जनता और लोकतंत्र का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गठजोड़ किसानों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं के साथ है.

सीएम ने ट्वीट किया, “..और आप हमपर नक्सलियों के साथ गंठजोड़ का निहायत ही बेहुदा, बेतुका और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं? कांग्रेस का गंठजोड़ छग के किसानों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं के साथ है, समझे? छत्तीसगढ़ की महान जनता और लोकतंत्र का तो अपमान न करें साहेब। बाकी गेट वेल सून जी.”


आपको बता दें कि अरुण जेटली ने एक विवादित ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि हाल ही में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने माओवादियों के साथ गठजोड़ किया था. जेटली ने ट्वीट किया, “हाल ही में हुए छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस ने नक्सलियों से गठजोड़ किया था. राहुल गांधी जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में ‘टुकड़े-टुकड़े’ गिरोह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे. कोर्ट में शहरी नक्सलियों का बचाव करने में कांग्रेस सबसे आगे थी.”


सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट के अंत में जेटली को शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए लिखा गेट वेल सून.

जले पर नमक क्यों छिड़क रहे हैं

जेटली के बयान पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस जमकर भड़की हुई है. प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी ने भी जेटली को उनके बयान पर आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा कि देश में माओवाद का सबसे बड़ा शिकार कांग्रेस हुई है और वह लगातार न्याय की गुहार लगाती रही है. भाजपा की सरकारें हमारे जख्मों पर मरहम तो नहीं लगा सकीं. अब जेटली उल्टे ज़ख्मों को कुरेदकर उस पर नमक मिर्च लगा रहे हैं.