रायपुर। नान घोटाले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी को पड़ताल के दौरान बेहद चौंकाने वाली जानकारी मिलने की खबर है. ये जानकारी कहती है कि घोटाले से जुड़े बेहद ही अहम किरदार चिंतामणि चंद्राकर, हाल ही में निलंबित हुए IPS मुकेश गुप्ता के पिता जयदेव गुप्ता के उस ट्रस्ट के सदस्य हैं, जो एमजीएम अस्पताल का संचालन करता है, लिहाजा ईओडब्ल्यू की जांच की दिशा अब एमजीएम अस्पताल तक जा पहुंची है. बता दें कि नान घोटाले की डायरी में जिस सीएम मैडम या सीएम सर का जिक्र बार-बार आता रहा है. जांच से जुड़े अधिकारी उन्हें चिंतामणि चंद्राकर बताते आए हैं.

आधिकारिक सूत्रों की माने तो ईओडब्ल्यू अब इस दिशा में भी जांच कर रही है कि क्या चिंतामणि चंद्राकर ने मनीलांड्रिंग के जरिए नान घोटाले का पैसा अवैध तरीके से एमजीएम अस्पताल में खपाया? सूत्र बताते हैं कि एमजीएम अस्पताल से जुड़े ट्रस्टी बलदेव भाटिया उर्फ पप्पू भाटिया, वीआईपी ग्रुप के मालिक राकेश पांडेय, ऐश्वर्या गुप के मोहन निले, गोपाल खंडेलवाल समेत कई अन्य लोगों से भी जल्द ही पूछताछ शुरू की जा सकती है. चर्चा यह भी है कि ईओडब्ल्यू ने दिल्ली की फोरेंसिक चार्टर्ड एकाउंटेंट की टीम से एमजीएम अस्पताल के फंड की गहन जांच कराने का निर्णय लिया है. बताते हैं कि ईओडब्ल्यू ने लीगल एक्सपर्ट्स की टीम के साथ बैठकर यह तय किया है कि सभी ट्रस्टियों की संपत्ति की फोरेसिंक चार्टर्ड एकाउंटेट से जांच कराई जाएगी. सूत्र बताते हैं कि ईओडब्ल्यू इन ट्रस्टियों की भूमिका की जांच खुद भी करेगी. साथ ही जांच के लिए प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) को भी पत्र लिखेगी.

चिंतामणि चंद्राकर यदि ‘सीएम मैडम या सीएम सर नहीं’ तो फिर कौन?

नान घोटाले मामले में चिंतामणि चंद्राकर एक अहम कड़ी है, लिहाजा एसआईटी जांच में उसका बयान बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. लेकिन इस बीच चिंतामणि की भूमिका पर कई अहम सवाल उठ खडे हुए हैं?

– पहला सवाल यह कि घोटाले की जांच में अब तक यह बताने की कोशिश की जाती रही है कि डायरी में सीएम मैडम, सीएम सर जैसे नामों का जो उल्लेख किया गया है, वह चिंतामणि चंद्राकर ही है. यदि ये तस्वीर साफ होती हैं, तो ईओडब्ल्यू की जांच में यह पहलू शामिल हो जाएगा कि नान का पैसा क्या एमजीएम अस्पताल में मनीलांड्रिग के जरिए पहुंचाया गया?

– दूसरा अहम सवाल यह है कि यदि चिंतामणि चंद्राकर इस बात से इंकार कर दे कि डायरी में हुई एंट्री में उसका नाम नहीं है, तो ईओडब्ल्यू क्या पूर्व मुख्यमंत्री से पूछताछ करेगी? हालांकि चर्चा है कि यदि यह साबित हो सका, तो ईओडब्ल्यू लीगल एक्सपर्ट्स के व्यू के साथ आगे की कार्रवाई करेगी.

कहां है चिंतामणि चंद्राकर?

ईओडब्ल्यू ने चिंतामणि चंद्राकर को बयान के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन वह नहीं पहुंचा. पता चला है कि चंद्राकर ने तबियत खराब होने की बात कहते हुए विभाग में छुट्टी का आवेदन दिया है. इससे उसने दुर्ग पुलिस में यह शिकायत दर्ज कराई है कि कांकेर में ड्यूटी के दौरान उसे ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने अपहरण कर रायपुर लाया. चंद्राकर ने अपने आरोप में यह कहा है कि – इस घटना से मैं स्तब्ध हूं. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ गया है और कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं.

इधर डीएसपी आर के दुबे ने भी 15 मार्च तक की छुट्टी के लिए अर्जी लगाई है. दुबे ने भी स्वास्थगत परेशानियों का हवाला देकर छुट्टी की अर्जी दी, लेकिन चौंकाने वाली जानकारी यह है कि दोनों ने ही दुर्ग के डाक्टर गुरूनाथ का मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया है.