साइबर सुरक्षा से जुड़ी एक चौंकाने वाली घटना में करीब 18.4 करोड़ लोगों के यूजरनेम और पासवर्ड (Password) इंटरनेट पर लीक हो गए हैं. यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ जेरेमिया फाउलर की एक ताजा रिपोर्ट से सामने आई है, जिसने डिजिटल दुनिया की नींव को हिला कर रख दिया है.

डेटाबेस बिना सुरक्षा के इंटरनेट पर मिला

फाउलर ने एक ऐसा ओपन डेटाबेस खोजा, जिसमें संवेदनशील जानकारियां बिना किसी पासवर्ड (Password) या एन्क्रिप्शन के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थीं. इसमें करोड़ों ईमेल अकाउंट्स, सोशल मीडिया लॉगिन, बैंकिंग डिटेल्स और यहां तक कि सरकारी पोर्टल्स की लॉगिन जानकारी तक मौजूद थी. यह जानकारी टेक्स्ट फॉर्मेट में थी, यानी कोई भी व्यक्ति इन्हें आसानी से पढ़ और इस्तेमाल कर सकता था.

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प्रमुख प्लेटफॉर्म्स की डिटेल्स भी शामिल

  • रिपोर्ट के अनुसार, यह लीक डेटा कई नामचीन टेक कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर्स से जुड़ा था: गूगल, फेसबुक, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ्ट जैसे प्लेटफॉर्म्स.
  • बैंक और हेल्थकेयर से जुड़े अकाउंट्स
  • सरकारी पोर्टल्स की लॉगिन ID और पासवर्ड
  • ऑथराइजेशन URL और ब्राउज़र से जुड़ी कुकीज

‘इन्फो-स्टीलर’ मालवेयर बना बड़ा खतरा

इस डेटा लीक की सबसे बड़ी आशंका इन्फो-स्टीलर नामक एक मैलवेयर को लेकर जताई गई है. यह एक ऐसा वायरस होता है जो यूजर के कंप्यूटर या मोबाइल में छिपकर ब्राउज़र में सेव पासवर्ड (Password), ऑटोफिल डिटेल्स और कुकीज चोरी कर लेता है. यदि आप किसी अज्ञात ईमेल, लिंक या संदिग्ध वेबसाइट पर क्लिक करते हैं, तो यह मैलवेयर डिवाइस में सक्रिय होकर आपके बैंक अकाउंट्स, ईमेल, और सोशल मीडिया लॉगिन्स तक पहुंच बना सकता है.

डार्क वेब पर बिकती है आपकी जानकारी

साइबर अपराधी इस तरह से चुराई गई जानकारी को अक्सर डार्क वेब पर ऊंचे दामों पर बेचते हैं, जहां फ्रॉड करने वाले लोग इन्हें खरीदकर फर्जी ट्रांजेक्शन, पहचान की चोरी और डिजिटल ब्लैकमेल जैसे अपराध करते हैं.

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डेटा कहां से आया? होस्टिंग कंपनी चुप

फाउलर ने बताया कि जिस कंपनी के सर्वर पर यह डेटा पड़ा था, उसने स्रोत का खुलासा करने से इनकार कर दिया. हालांकि, रिपोर्ट सामने आने के बाद वह डेटाबेस अब सार्वजनिक रूप से एक्सेस नहीं किया जा सकता. सुरक्षा विशेषज्ञों ने जब डेटाबेस में मौजूद कुछ यूजर्स से संपर्क किया तो उन्होंने पुष्टि की कि उनकी लॉगिन जानकारी वास्तव में लीक हो चुकी थी.

एक ही पासवर्ड कई जगह इस्तेमाल करने वालों पर सबसे बड़ा खतरा

अगर आप एक ही पासवर्ड (Password) को कई वेबसाइट्स या ऐप्स में इस्तेमाल करते हैं, तो आप सबसे ज्यादा जोखिम में हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, पासवर्ड को बार-बार दोहराना आपकी डिजिटल सुरक्षा को कमजोर बना देता है.

फ्रॉड से कैसे बचें? ये 5 उपाय अपनाएं

  • हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग पासवर्ड बनाएं
  • टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को जरूर ऑन रखें
  • पासवर्ड मैनेजर ऐप का उपयोग करें
  • फेक ईमेल या लिंक पर क्लिक करने से बचें
  • ब्राउज़र की सेव की गई ऑटोफिल जानकारी समय-समय पर साफ करें